अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक संभावित इंट्रानैसल वैक्सीन की खोज की है। जो इंजेक्शन के रूप में दिए जाने की तुलना में सीवियर एक्यूट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम सार्स कोव-2 के खिलाफ लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली प्रदान करती है।
इंट्रानैसल वैक्सीन म्यूकोसल सतहों पर अधिक सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे वायरस के फैलने को कम किया जा सकता है। जर्नल ईबायोमेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि वैक्सीन के नाक में प्रवेश करने से म्यूकोसल एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में वृद्धि होती हैै।
इसके अतिरिक्त और अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह टी कोशिकाओं के माध्यम लंबे समय तक चलने वाली म्यूकोसल और प्रणालीगत प्रतिरक्षा सुरक्षा को बढ़ाती है।
Published: undefined
ड्यूक-एनयूएस के उभरते संक्रामक रोग कार्यक्रम में मुख्य लेखक और एसोसिएट प्रोफेसर एशले सेंट जॉन ने कहा, ''हमारा डेटा दिखाता है कि टीकाकरण की तुलना में इंट्रानैसल वैक्सीन ने टी कोशिकाओं के रूप में जानी जाने वाली कुछ प्रतिरक्षा कोशिकाओं की प्रतिक्रिया में सुधार किया जिससे रोग की गंभीरता कम हो गई।''
''इतना ही नहीं, इसके परिणामस्वरूप टीकाकरण की तुलना में टी सेंट्रल मेमोरी सेल की संख्या भी अधिक हो गई, जिससे लंबे समय तक सुरक्षा मिल सकती है।''
Published: undefined
टी सेंट्रल मेमोरी सेल किसी वायरस के दोबारा संपर्क में आने पर शरीर की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे प्रतिरक्षा प्रणाली की याददाश्त को बढ़ाते हैं, लंबे समय तक चलने वाली सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करते हैं। वायरस की इस दीर्घकालिक स्मृति को बनाए रखने की यह क्षमता वायरस के खिलाफ समान स्तर की सुरक्षा प्राप्त करने के लिए रोगजनक चुनौती की कम आवश्यकता का सुझाव देती है, जो संभावित रूप से कम बूस्टर में तब्दील हो जाती है।
Published: undefined
अनुसंधान दल ने यह भी पाया कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के लिए टीके में सहायक पदार्थों के उपयोग ने टी-सेल की विशेषताओं के साथ-साथ उनके संचार को नियंत्रित किया।
ड्यूक-एनयूएस में अनुसंधान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर पैट्रिक टैन ने कहा, ''इस अध्ययन से पता चलता है कि म्यूकोसल टीकाकरण संभावित रूप से कम बूस्टर की आवश्यकता के साथ कोविड-19 वैक्सीन में सुधार का वादा करता है।''
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined