एक नए शोध में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य असमानताएं बढ़ सकती हैं और मौत हो सकती है।
शोध में 2000 से 2023 के बीच प्रकाशित आठ दस्तावेजों की समीक्षा की गई, जिसमें हृदय रोग, जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक और कैंसर पर वायु प्रदूषण के प्रत्यक्ष प्रभावों का अध्ययन किया गया। यह शोध 1.1 करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि सूक्ष्म कण (पीएम2.5) प्रदूषण के संपर्क में आने से शरीर की ‘डिटॉक्सिफिकेशन’ यानी हानिकारिक तत्वों का बाहर निकालने की प्रक्रिया और सूजन के खिलाफ इसकी सुरक्षा कमजोर हो जाती है, जो कैंसर और हृदय रोग दोनों के लिए सामान्य जोखिम कारक हैं। शोध लेखकों ने लिखा, "वायु प्रदूषण कार्डियो-ऑन्कोलॉजी के मामले में जोखिमपूर्ण भूमिका निभाता है।”
चीन के हुआज़ोंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लेखक भी शोध में शामिल हैं।
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शोधकर्ताओं के अनुसार, वायु प्रदूषण के अस्वास्थ्यकर स्तर के अल्पकालिक संपर्क से भी कैंसर रोगियों के हृदय स्वास्थ्य पर तेजी से असर पड़ सकता है। शोध के निष्कर्ष ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी): कार्डियो-ऑन्कोलॉजी’ में प्रकाशित हुए हैं।
तोंगजी अस्पताल, हुआजहोंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हृदय रोग विशेषज्ञ व शोध के वरिष्ठ लेखक जियाओक्वान रेओ ने कहा, "इससे पता चलता है कि वायु गुणवत्ता में अस्थायी गिरावट भी कार्डियो-ऑन्कोलॉजी रोगियों पर तत्काल प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।”
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