एरोबिक प्रशिक्षण और योग अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए वरदान है। एक नए शोध से यह बात सामने आई है। रिसर्च में बताया गया है कि एरोबिक और योग क्रियाओं को नियमित रूप से करने से फेफड़ों में सुधार आता है। एनल्स ऑफ मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध अस्थमा से पीडि़त लोगों को उचित व्यायाम करने की सलाह देता है।
चीन में हेनान नॉर्मल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन के एसोसिएट प्रोफेसर और मुख्य लेखक शुआंगताओ जिंग ने कहा कि निष्कर्ष बताते हैं कि वयस्कों के फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए व्यायाम प्रशिक्षण कितना मददगार है।
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उन्होंने कहा कि एरोबिक प्रशिक्षण और योग प्रशिक्षण के साथ श्वास प्रशिक्षण अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। यह उपचार के रास्ते भी खोलता है। दुनिया भर में लगभग 339 मिलियन लोग अस्थमा से पीडि़त है। जिसमें खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ और सीने में जकड़न जैसे लक्षण होते हैं।
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उन्हाेंने बताया कि पहले व्यायाम करना अस्थमा पीडि़ताें के लिए सही नहीं माना जाता था क्योंकि कहा जाता था कि इससे अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को दिक्कत हो सकती है। मगर अब रिसर्च से पता चला है कि व्यायाम प्रशिक्षण वास्तव में अस्थमा रोगियों को सही होने में मदद करता है।
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इस रिसर्च में अस्थमा से पीड़ित 2,155 लोगों को शामिल किया गया। जिसमें उनके ऊपर फेफड़ों के कार्य पर श्वास प्रशिक्षण, एरोबिक प्रशिक्षण, विश्राम प्रशिक्षण, योग प्रशिक्षण के साथ संयुक्त श्वास के प्रभावों की जांच की गई। मरीजाें पर सभी प्रकार के व्यायामों के प्रभावों को देखते हुए यह निष्कर्ष निकला कि इससे फेफड़ों की स्थिति में सुधार आता है।
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जिंग ने कहा कि हेल्थ प्रोफेशनल्स को अपने मरीजों को व्यायाम करने के लिए बोलना चाहिए।लेखकों ने कहा कि इस अध्ययन में अधिकांश मरीज 60 वर्ष से कम उम्र के थे, इसलिए व्यायाम का असर वृद्ध व्यक्तियों में अलग-अलग दिख सकता है।
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आईएएनएस के इनपुट के साथ
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