मोदी सरकार के तीन साल के शासन के बारे में आपका क्या आकलन है?
देश की स्थिति आज बहुत खराब है। बेरोजगारी से लोग बहुत प्रभावित हैं। जो लोग नौकरी की तलाश में गांव से शहर आए थे, वे उद्योगों के लगातार बंद होने से गांव वापस लौटने लगे हैं। किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। नोटबंदी के असर के चलते यह सब हो रहा है। डॉ मनमोहन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि नोटबंदी की वजह से देश की विकास दर 2 फीसदी घट जाएगी। अखबारों में हर रोज इसे लेकर रिपोर्ट छपती है कि कैसे नोटबंदी ने देश के विकास पर असर डाला है। कुल मिलाकर कहें तो रोजगार का संकट है, किसान बड़े पैमाने पर संघर्ष कर रहे हैं, आम लोगों की हालत बहुत बिगड़ चुकी है। तीन साल में यही हुआ है।
यह बात लगातार कही जा रही है कि इस सरकार के शासनकाल में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। पिछले दिनों पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी अपने विदाई भाषण में कहा कि देश के मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिसका सरकार ने प्रतिवाद किया। इस मसले पर आपकी क्या राय है?
जब आजादी मिली तो लोगों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से पूछा कि आजादी के बाद आपकी सबसे बड़ी चुनौती क्या होगी। उनका जवाब था कि देश के ज्यादातर लोगों ने सेकुलरिज्म को स्वीकार किया है और हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों का विश्वास सेकुलर भारत में बनाए रखें। अगर हम सेकुलरिज्म को लेकर नहीं चले तो देश आगे नहीं बढ़ पाएगा।
Published: 15 Aug 2017, 3:15 PM IST
उत्तर प्रदेश में कानून का शासन खत्म कर दिया गया है। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है। यूपी आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। अगर सरकार यूपी के लोगों की आंकाक्षाओं के साथ न्याय नहीं कर रही तो इसका मतलब यह हुआ कि वह देश के लोगों के साथ न्याय नहीं रही।
उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से हर रोज ऐसे वाकये सामने आ रहे हैं जो प्रशासनिक अक्षमता को उजागर कर रहे हैं। हाल में ही सरकारी उपेक्षा के कारण गोरखपुर में 70 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई, दूसरी तरफ आदित्यनाथ मदरसों की देशभक्ति की परीक्षा लेने में लगे थे। विकास और बेहतर प्रशासन के दावों के बीच इन घटनाओं को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर प्रदेश का प्रशासन पूरी तरह ढह चुका है। सरकार प्रदेश को संभाल पाने में असफल साबित हुई है। अगर कोई पुलिस अधिकारी जिम्मेदारी के साथ काम करता है तो तुरंत उसका तबादला कर दिया जाता है। कितने अधिकारियों के साथ ऐसा किया जा सकता है? उत्तर प्रदेश में कानून का शासन खत्म कर दिया गया है। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है। यूपी आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। अगर सरकार यूपी के लोगों की आंकाक्षाओं के साथ न्याय नहीं कर रही तो इसका मतलब यह हुआ कि वह देश के लोगों के साथ न्याय नहीं रही।
बंगाल, केरल सहित देश के कई हिस्सों में बीजेपी-आरएसएस अपने विस्तार की कोशिशों में लगी है और इन इलाकों से लगातार हिंसा की खबरें भी मिल रही हैं। इसे आप कैसे देखते हैं?
देश को आज औद्योगिक विकास, कृषि विकास और आर्थिक विकास की जरूरत है। हम देख रहे हैं कि इसकी जगह सिर्फ राजनीतिक गतिविधि के जरिये देश को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह बहुत दिनों तक नहीं चल सकता। देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र में किसानों और कामगार तबकों ने बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। गुजरात में आप देख ही रहे हैं कि क्या हो रहा है। वे कांग्रेस के विधायकों के जरिये चुनाव जीतना चाह रहे हैं। उनका अपने नेतृत्व पर ही विश्वास नहीं है। वे कांग्रेस के नेताओं को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। अब उनका एक काम बचा है कि दूसरी पार्टी के विधायकों और नेताओं को अपनी पार्टी में लाना। वे यह भरोसा खो चुके हैं कि वे गुजरात विधानसभा का चुनाव जीत पाएंगे।
इस सरकार की नीतियों और बीजेपी की राजनीतिक चालों से निपटने के लिए कांग्रेस की क्या योजना है?
हमें देश के लोगों को इसे बताना होगा। पूरे देश में विरोध और आंदोलन करना होगा। हम लोगों के भीतर इन चीजों को लेकर जागरूकता फैलाएंगे। इस वक्त यही विपक्ष का कर्तव्य है जनता से ज्यादा से ज्यादा संवाद करना, उन्हें बताना कि यह सरकार दरअसल क्या कर रही है।
क्या ऐसी विपक्षी एकता की कोई संभावना है जो 2019 के लोकसभा चुनावों तक टिकी रह सके?
यह कोई संभावना नहीं, बल्कि सच्चाई है। एनडीए की सरकार है और यूपीए विपक्ष में है। हम लोकतंत्र में दो-दलीय व्यवस्था की बात करते हैं। आज दो गठबंधनों की ऐसी ही व्यवस्था बनी हुई है। एक तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ यूपीए।
Published: 15 Aug 2017, 3:15 PM IST
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Published: 15 Aug 2017, 3:15 PM IST