बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर लगे आरोपों का बचाव कर अपना नैतिक आधार खो दिया है। उन्होंने कहा, "मैं इस मामले की योग्यता पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह जांच का विषय है। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि जिस तरीके से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस मामले में मैदान में कूदे हैं। ऐसा लगता है कि वो जय शाह के चाटर्ड अकाउंटेंट है।"
Published: 11 Oct 2017, 5:35 PM IST
यशवंत सिन्हा ने कहा कि अतिरिक्त महाधिवक्ता (एडिशनल सॉलीसॉटर ) तुषार मेहता जय शाह मामले को पैरवी करने जा रहे हैं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “इसे टाला जा सकता था और ऐसा नहीं होना चाहिए था। जिस विशेष परिस्थिति में अतिरिक्त महाधिवक्ता को संबंधित व्यक्ति के बचाव की अनुमति दी गई है, उससे भी कई मुद्दे खड़े होते हैं और मेरी समझ से इससे भी बचा जाना चाहिए था।”
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, "इन सब को देखते हुए कहा जा सकता है कि इतने सालों में जो हमने नैतिक जमीन तैयार की थी, उसे खो दी है।" जय शाह की कंपनी ने कथित रूप से साल 2015 में 80 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया था, जबकि इसके पिछले साल कंपनी का कारोबार महज 50,000 रुपये था। यशवंत सिन्हा से यह पूछा गया कि क्या इस मामले ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, "मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता लेकिन जिस तरीके से हमारी पार्टी और सरकार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। ऐसा लगता है कि वो अपनी नैतिक जमीन खो चुकी है।"
खबर का प्रकाशन और वेबसाइट पर मानहानि का मुकदमा दर्ज होने पर उन्होंने कहा, "मीडिया लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है। यही वजह है कि इसे चौथा स्तंभ माना जाता है। मीडिया की आवाज को प्रत्यक्ष या अन्य किसी तरीके से दबाने की कोशिश से बचा जाना चाहिए।"
सरकार के अर्थव्यवस्था प्रबंधन पर आरोप लगाने के बाद यशवंत सिन्हा ने यह दूसरा हमला बोला है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में सफाई दी थी कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है।
Published: 11 Oct 2017, 5:35 PM IST
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Published: 11 Oct 2017, 5:35 PM IST