उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ओवैसी की पार्टी के बाद शिवसेना भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतार कर दो-दो हाथ करने के लिए आतुर है।
विधानसभा आम चुनाव से पूर्व सेमीफाइनल माने जाने वाले पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल तक प्रस्तावित है। इसके लिए अनेक राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हैं।
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शिवसेना के उत्तर प्रदेश के राज्य प्रमुख अनिल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी की ओर से पंचायत चुनाव के लिए जिलावार समीक्षा कर प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं। सभी जिलों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र में संगठन के शीर्ष नेताओं से भेंट कर उन्हें चुनाव की तैयारियों से अवगत कराएगा। प्रदेश पदाधिकारियों को चुनाव प्रबंधन के गुर सीखने के लिये महाराष्ट्र भेजा जाएगा। यह लोग करीब एक सप्ताह रूकेंगे। वहां के बीएमसी और ग्रामीण आंचल में शिवसेना कैसे काम कर रही, यह सीखेंगे। वहां से लौटने के बाद पूर्वांचल, पश्चिम बुन्देल खंड में प्रशिक्षण होगा। इसके बाद प्रत्याशियों का चयन कर उन्हें मैदान में उतारा जाएगा। अगर इसी बीच कांग्रेस से बात बन गयी तो उनके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा। चुनाव में सफलता भी मिलेगी।
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अनिल सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में हमारा संगठन अच्छा काम कर रहा है। पिछले चुनाव में 16 जिला पंचायत सदस्य और 150 से ज्यादा हमारे प्रधान चुनकर आए थे, जो ऑन रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के समर्थन से पंचायत चुनाव के लड़ने के लिए 16 जनवरी को हमारे सांसद अरविन्द सावंत आ रहे हैं, उनके साथ बैठक होगी। हमारा महाराष्ट्र में गठबंधन है। यहां भी हो सकता है। इसके लिए बातचीत हो रही है। बाकी बैठक में तय कर दिया जाएगा।
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