उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार से एक दिन पहले मंगलवार को सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा खबर है कि बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल भी अपना इस्तीफा सौंप चुकी हैं। इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसे सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंजूर कर लिया है। अटकलें हैं कि कुछ और मंत्रियों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसमें चेतन चौहान, मुकुट बिहारी वर्मा और स्वाति सिंह का प्रमुख तौर पर नाम लिया जा रहा है।
हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार पिछले सप्ताह ही होना था, लेकिन कतिपय कारणों से इसे टाल दिया गया था। वहीं अटकलों की मानें तो मंत्रिमंडल के नामों को लेकर असमंजस के कारण पिछले सप्ताह इसे टालना पड़ा था। अब माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस से नामों को हरी झंडी मिलने के बाद अब कल का कार्यक्रम तय किया गया है। इसी के तहत मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी करने का भी फैसला लिया गया है। जिसके बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार से पहले इस्तीफों का दौर शुरू हुआ है।
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योगी सरकार से कुछ मंत्रियों की छुट्टी तो तय मानी जा रही थी, लेकिन कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने स्वास्थ्य कारणों के चलते पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने भी कहा कि बढ़ती उम्र के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बरेली कैंट से चुनाव जीते अग्रवाल को योगी सरकार में वित्तमंत्री बनाया गया था। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले अग्रवाल का जन्म 18 सितंबर 1943 को हुआ था। वह पेशे से व्यापारी हैं और साल 2004 से 2007 तक वह राज्य विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रहे हैं।
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दरअसल, कहा जा रहा है कि कुछ पुराने मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। अटकलें हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में करीब 15 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। जो नाम इस रेस में चर्चा में हैं उनमें मुजफ्फरनगर से विधायक कपिल देव अग्रवाल, बुलंदशहर के शिकारपुर से विधायक अनिल शर्मा, फतेहपुर सीकरी से विधायक उदय भान सिंह, पूर्वांचल से आने वाले विधायक सतीश द्विवेदी के अलावा दल बहादुर कोरी और एमएलसी अशोक कटारिया का नाम शामिल हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल के कई वर्तमान मंत्रियों का प्रमोशन भी हो सकता है।
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सीटों के अनुपात के हिसाब से योगी मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है। योगी सरकार के वर्तमान मंत्रिमंडल में 47 मंत्री थे, जिनमें से तीन, रीता बहुगुणा जोशी, डॉक्टर एस पी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी ने इस साल लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री पद छोड़ दिया था। योगी कैबिनेट में मंत्री रहीं रीता बहुगुणा ने इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीता है। जबकि सत्यदेव पचौरी कानपुर से और एसपी सिंह बघेल आगरा से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। इनके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
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