पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की विशाल बहुमत की सरकार आने के बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर लोगों में प्रचलित धारणा में कोई बदलाव नहीं आने से संघ प्रमुख मोहन भागवत चिंतित हैं। बीजेपी की सरकार में भी आरएसएस की विवादास्पद छवि को लेकर कोई सकारात्मक बदलाव नहीं होने से भागवत की चिंता इन दिनों खासी बढ़ी हुई है। इसी को लेकर वह लोगों के बीच संघ की छवि को बदलने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
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इसी कड़ी में मंगलवार को उन्होंने दिल्ली के छतरपुर इलाके में देश भर के 70 मीडिया स्तंभकारों से बंद कमरे में मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस बैठक का मकसद आरएसएस के बारे में लोगों के बीच फैली गलत धारणा को बदलने की रणनीति तैयार करना है। खबरों के मुताबिक छत्तरपुर इलाके में हुई इस बैठक में जिन 70 स्तंभकारों को बुलाया गया, वे सभी अलग-अलग भाषाओं में लिखते हैं।
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फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इन स्तंभकारों में कौन-कौन लोग थे और ये भी कि इस मुलाकात में क्या बातचीत हुई और क्या कुछ तय हुआ। दरअसल इस बैठक और इसमें हुई बातचीत को पूरी तरह से ‘गोपनीय’ रखा गया है। इस बीच सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में संघ प्रमुख मोहन भागवत कोई महत्वपूर्ण भाषण दे सकते हैं, जिसे लेकर ही इस बैठक में सघन चर्चा हुई।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसकी विचारधारा को लेकर लोगों में कायम आम धारणा पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बीते साल सितंबर में विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों से इसी तरह की एक अहम बैठक की थी। यह मुलाकात दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित की गई थी। उस बैठक में 30 देशों के मीडिया संस्थानों से 80 पत्रकारों ने हिस्सा लिया था।
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