उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सात चरणों के मतदान के बाद लोगों को अब 10 मार्च का इंतजार है, जिस दिन मतों की गिनती होगी। यूपी के चुनाव परिणाम पर बिहार की भी नजर है। बिहार के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दो घटक दल जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भी यूपी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी चुनाव में बीजेपी की जीत और हार, दोनों परिस्थितियों में यहां की सियासत प्रभावित होगी।
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वैसे, सातवें चरण के मतदान के बाद विभिन्न टीवी चैनलों द्वारा एक्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत मिलते दिखाया गया है, जिससे बिहार बीजेपी में उत्साह है जबकि एनडीए के अन्य घटक दलों में भी हलचल है। अब सबकी नजर 10 मार्च को चुनाव परिणाम पर टिकी है।
यूपी चुनाव में एनडीए के घटक दल जेडीयू ने भी 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जबकि बिहार में मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी भी 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर बीजेपी का गणित बिगाड़ने के लिए पूरा जोर लगाती दिखी। ऐसे में बीजेपी की जीत या हार का असर बिहार एनडीए में भी दिखना तय माना जा रहा है।
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इस संबंध में हालांकि कोई बीजेपी नेता फिलहाल खुलकर नहीं बोल रहा, लेकिन इशारों ही इशारों में आने वाली सियासत के संकेत जरूर दे रहे हैं। बिहार बीजेपी के मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह कहते हैं कि एक्जिट पोल के बाद ही यूपी चुनाव में जो पार्टी उड़नखटोला लेकर केंद्र सरकार को कोसते घूम रही थी, उनकी बोलती बंद हो गई है। उन्होंने खुलकर तो नहीं लेकिन इतना जरूर कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे पार्टी की बारी आने वाली है।
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कहा जा रहा है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार की अगर वापसी हुई तो बिहार बीजेपी का उत्साह जितना बढ़ेगा, उतना ही विपक्षी खेमा हतोत्साहित भी हो सकता है। बिहार में फिलहाल राजद और कांग्रेस के रिश्ते में भी खटास देखी जा रही है। इस बीच, माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी का विकल्प खड़ा करने की कोशिशों को झटका लग सकता है।
तेजस्वी ने हाल के दिनों में तेलंगाना और तमिलनाडु जाकर वहां के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी। इसके बाद तेलंगाना के सीएम झारखंड पहुंचे और वहां के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की।
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यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी की जीत से वीआईपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं जबकि बीजेपी को अगर यूपी में मुश्किलों का सामना करना पड़ा तो वीआईपी के लिए कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद भी की जा रही है।
बहरहाल, राजनीति में कुछ भी संभव है, ऐसे में अब सबकी नजर यूपी चुनाव के परिणाम पर है। अब देखना होगा बीजेपी फिर से सत्ता पर काबिज होती है या फिर सपा सत्तारूढ़ होती है। लेकिन यह तय माना जा रहा है, परिणाम का असर बिहार की सियासत पर जरूर दिखेगा।
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