उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार शाम पांच बजे तक लगभग 50 प्रतिशत वोट पड़े। प्रदेश की कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी सीट पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। जो मतदाता शाम पांच बजे तक मतदान केन्द्र के अंदर पहुंच गए, उन सभी को वोट डालने दिया गया।
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निर्वाचन आयोग के मुताबिक, शुरू में धीमी रफ्तार के बाद मतदान में तेजी आयी। हालांकि शाम पांच बजे तक औसतन करीब 50 फीसद वोट पड़े। गाजियाबाद में सिर्फ 33 प्रतिशत मतदान हुआ।
आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक, शाम पांच बजे तक गाजियाबाद में 33.30 प्रतिशत, कटेहरी में 56.69 प्रतिशत, खैर में 46.35 प्रतिशत, कुंदरकी में 57.32 प्रतिशत, करहल में 53.92 प्रतिशत, मझवां में 50.41 प्रतिशत, मीरापुर में 57.02 प्रतिशत, फूलपुर में 43.43 प्रतिशत और सीसामऊ में 49.03 प्रतिशत मतदान हुआ।
आयोग के अनुसार, मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आयी। मगर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (एसपी) ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक समाचार चैनल का वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘कुछ पुलिस अधिकारी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। ये मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन पर हाथ भी उठा रहे हैं। लाठी मारने की धमकी भी दे रहे हैं। साथ ही समाचार चैनल तक को धकेलकर अपना रौब जमा रहे हैं। ऐसे अधिकारी की पहचान की जाए और तत्काल निलंबित किया जाए।’’
इससे पहले, यादव ने उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से वीडियो साक्ष्य के आधार पर तत्काल संज्ञान लेने और दंडात्मक कार्रवाई करने तथा निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की अपील की।
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यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ''माननीय उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि अभी-अभी प्राप्त वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई करें और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया भी सुनिश्चित करें। जो भी पुलिस अधिकारी पहचान पत्र और आधार आईडी जांच रहे हैं, वीडियो के आधार पर उनकी पहचान कर उन्हें तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जांचने का कोई अधिकार नहीं है।''
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पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ स्थानों पर मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच करके उन्हें परेशान करने की शिकायतों के बीच, प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए चुनाव ड्यूटी पर तैनात पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
रिणवा ने कहा, ''निलंबित पुलिसकर्मियों में कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो-दो और मुरादाबाद का एक पुलिसकर्मी शामिल है। हम सभी शिकायतों पर संज्ञान लेते हैं और तुरंत उसका सत्यापन करते हैं, जिसके बाद कार्रवाई की जाती है।''
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा नहीं है कि निर्वाचन आयोग शिकायतों का संज्ञान नहीं लेता।
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रिणवा ने कहा, ''यह स्पष्ट कर दिया गया है कि केवल चुनाव अधिकारी ही मतदाताओं के पहचान-पत्रों की जांच करेंगे, मतदान केंद्र के बाहर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी नहीं। वे सुरक्षा जांच के लिए अपनी ड्यूटी कर सकते हैं। भविष्य में भी अगर मतदाताओं को मतदान करने से रोकने की कोई शिकायत मिलती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''
सभी निर्वाचन क्षेत्रों में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह से ही मतदान केंद्रों पर बुजुर्ग, युवा और दिव्यांग लोग भी देखे गए।
करहल में एक मतदान केंद्र के बाहर बुर्का पहनी एक महिला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपनी मर्जी से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दिया है।’’ मतगणना 23 नवंबर को होगी।
कुंदरकी में मतदान केंद्र के बाहर व्हीलचेयर पर बैठी बबीता ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे हाथ पैर काम नहीं करते हैं। मुझे एक सहायक मिला था।’’
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जिन नौ सीट पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से आठ सीट मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में समाजवादी पार्टी (एसपी) के विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने के चलते उपचुनाव हो रहा है।
उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। वहीं, सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन सभी का चुनावी भाग्य आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट पर कब्जा जमाया था।
मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के पास थी, जो अब बीजेपी की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अपने दम पर सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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