बिहार में इस साल के अंतिम दिनों में एक ओर जहां सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों में गांठ बनती दिख रही है वहीं नए साल में राज्य की सियासत में बदलाव के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। ऐसे में विधानसभा में सबसे बडी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी के नए साल में आक्रामक और नए तेवर की राजनीति देखने को मिल सकती है। इसमें कोई शक नहीं की पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी ने अपने नेतृत्व में पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती प्रस्तुत कर दी थी।
Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST
तेजस्वी नए साल में नई उर्जा के साथ आने की घोषणा कर चुके हैं। विवाह के बाद पहली बार राजद कार्यालय पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे नई उर्जा के साथ बिहार के लोगों की आवाज बनेंगे। इसी दिन उन्होंने बेरोजगारी यात्रा पर निकलने की भी घोषणा की थी।
ऐसे में तय माना जा रहा है कि इस साल विभिन्न मुद्दों पर जिस तरह राजद सरकार को घेरते रही है, उसी तरह आने वाले साल में भी आरजेडी अपने तरकश से और तीर निकालेगी।
Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि राजद राज्य में विपक्ष की भूमिका में है और वह अपना कर्तव्य विधानसभा के अंदर और बाहर बखूबी निभा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और जेडीयू बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा चुनाव के दौरान किया था, आखिर अब तक कितने लोगों को रोजगार मिला सरकार अब तक नहीं बता पा रही है। उन्होंने कहा कि कितनी हास्यास्पद स्थिति है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ही सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं।
इस बीच, माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह समाज सुधार अभियान के तहत राज्य का दौरा कर रहे हैं, उसी के जवाब में अगले साल तेजस्वी बेरोजगारी यात्रा पर निकलेंगे। इस यात्रा के दौरान वे बेरोजगारी के मुद्दे को सरकार को घेरेंगे। इसके अलावे राजद विशेष राज्य का दर्जा, जातिगत जनगणना, शराबबंदीं के कार्यान्वयन जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछेगी।
कहा जा रहा है कि राजग में जिस तरह छोटे दल तेवर दिखा रहे हैं, उसमें राजद कोई नया दांव भी खेल सकती है। राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा हो या विकासशील इंसान पार्टी दोनों ही दल पहले विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल थे।
Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST
उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद ने अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव राज्य में उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं जबकि फिलहाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। इधर, राजद के विधायक भाई वीरेंद्र भी कहते हैं कि आने वाला साल बिहार के भविष्य की रूपरेखा तय करेगा। उन्होंने कहा कि राजद प्रारंभ से ही सरकार की गलत नीतियों को लेकर लोगों के बीच जाती रही है। आने वाले साल में भी गांधी मैदान में बेरोजगारी रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रोजगार को लेकर सरकार से प्रश्न पूछे जाएंगें।
Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST
उन्होंने राजग में गांठ पड़ने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि यह राजग का आंतरिक मामला है, लेकिन राजनीति में सभी तरह के ऑप्शन खुले रहते हैं। उन्होंने हालांकि इशारों ही इशारों में इतना जरूर कहा कि अगला साल बिहार की सियासत में बदलाव भी हो सकता है।
बहरहाल, आने वाला साल बिहार की सियासत में क्या बदलाव लाएगा, यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन इतना तय है कि राज्य की सबसे बडी पार्टी राजद सत्ताधारी गठबंधन को चैन से नहीं बैठने नहीं देगी।
Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST
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Published: 29 Dec 2021, 12:58 PM IST