बिहार में सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) नहीं रही। वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी की नीतीश कुमार मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई है। वैसे, सहनी की अब जाकर मंत्रिमंडल की छुट्टी हुई हो, लेकिन इसकी पटकथा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ही लिखी जा चुकी थी। बीजेपी उस उचित समय के इंतजार में थी। बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार में शामिल वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी को राज्य का पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मंत्री बनाया गया था। हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वीआईपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया।
Published: undefined
ऐसा नहीं कि यूपी चुनाव में वीआईपी एकमात्र ऐसी पार्टी थी जो वहां चुनाव लड़ रही थी। जनता दल (युनाइटेड) भी यूपी चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारी थी, लेकिन कहा जाता है कि सहनी यूपी चुनाव में बीजेपी पर ज्यादा आक्रामक थे। कहा जाता है कि सहनी यूपी चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी को वोट नहीं देने तक की अपील कर रहे थे, जो बीजेपी के गले नहीं उतर रहा था। इस दौरान सहनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधे आक्रामक बने थे।
Published: undefined
इसके बाद बिहार विधान परिषद चुनाव में भी वीआईपी ने अधिकांश उन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए जो बीजेपी कोटे की थी। इसके साथ ही बिहार के बोचहा विधानसभा उपचुनाव में भी वीआईपी ने अपने प्रत्याशी उतारने की न केवल घोषणा कर दी, बल्कि बीजेपी द्वारा प्रत्याशी दिए जाने के बावजूद अपने प्रत्याशी उतार दिए।
Published: undefined
बीजेपी के एक नेता भी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर अपने अंदाज में कहते हैं कि बोचहा में मुकेश सहनी ने अपनी एक सौ गलतियां पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की तरह बीजेपी भी अपने 'गठबंधन धर्म' का पालन करते हुए 100 गलतियों तक बंधी हुई थी, लेकिन जब बोचहा में वीआईपी ने प्रत्याशी उतार दिए तो अब सहने की शक्ति समाप्त हो गई थी।
Published: undefined
इसके बाद मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायकों स्वर्णा सिंह, मिश्री लाल यादव और राजू सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह माना जाने लगा था कि सहनी मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
Published: undefined
इसके बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाया और फिर मुख्यमंत्री ने सहनी को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी। उल्लेखनीय है कि सहनी विधान परिषद के सदस्य हैं।
Published: undefined
वैसे, बीजेपी के एक नेता भी स्वीकार करते हैं कि सहनी की नीतीश मंत्रिमंडल से छुट्टी अब हुई हो लेकिन इसकी पटकथा यूपी चुनाव के दौरान ही लिखी जा चुकी थी, जिस पर योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह के दिन मुहर लग गई थी, जब बिहार के मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। वैसे, इस घटनाक्रम के बाद मुकेश सहनी अब किस पाले में पहुंचते हैं यह देखने वाली बात होगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined