पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण समझी जाने वाली शामली जनपद की थानाभवन विधानसभा सीट गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने आरोप लगाया है कि उनकी विधानसभा सीट के मुस्लिम और जाट बहुल गांवों में बूथ कैप्चरिंग की गई हैं। शामली जनपद के भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र तोमर ने इसकी शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर को की है। शिकायत का साथ ही पुनः मतदान कराने की अपील की है। शिकायत में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में बूंटा ,टपराना, अंगदीपुर, उमरपुर, जलालाबाद, इस्लामपुर ,सोंटा और भैसानी गांव में रालोद और सपा के दबंग लोगों ने बूथ को पर कब्जा कर लिया और गरीब और कमज़ोर लोगों को वोट डालने नहीं दिया। इसके लिए लगातार शिकायत की गई मगर प्रशासन ने उनकी सुनवाई नही है। भाजपा ने इन बूथ पर पुनः मतदान की मांग उठाई हैं।
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खास बात यह है कि इन बूथ पर मतदान प्रतिशत काफी अच्छा रहा है जैसे बूंटा गांव में चारों बूथों पर क्रमशः यह 78.19%, 82.54%, 82.35%, 75.44%, और गुज्जरपुर और टपराना में यह 92.71%, 81%, भैसानी में 75.51%, 83.19%, 80.65%, 84.94%, 88.75% रहा है। भाजपा ने कुल 43 बूथों की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि यहां भाजपा के विरुद्ध एकतरफ़ा वोटिंग हुई है। भाजपा प्रत्याशी यहां बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगा रहे हैं।
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शामली जनपद के भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र तोमर ने बताया कि इन सभी बूथों पर रालोद और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया था। उन्होंने इसके बाद गरीब और कमज़ोर लोगों को मतदान करने से रोक दिया और उनकी जगह खुद मतदान किया। सतेंद्र तोमर के मुताबिक उन्होंने इसकी तमाम माध्यमों से शिकायत की, ट्वीट किए अधिकारियों को बताया मतलब कार्रवाई हुई अब वो इन बूथों पर पुनः मतदान चाहते हैं।
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थानाभवन के भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा का कहना है कि इन बूथों पर दबंगो ने मतधिकार से गरीबों और कमजोरों को वंचित कर दिया। कुछ मतदान के दौरान तैनात कर्मचारियों ने भी इसकी शिकायत की। हम यहां पुनः मतदान की मांग करते हैं।
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सुरेश राणा थानाभवन सीट से विधायक हैं। उनका मुख्य मुकाबले में रालोद और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार अशरफ अली खान है। सीट के समीकरण बताते हैं कि इस बार सुरेश राणा की डगर बेहद पथरीली है। स्थानीय किसानों में नाराजग़ी देखी जा रही है। अशरफ अली खान ने भाजपा की इस आपत्ति को हास्यास्पद बताया हैं, उन्होंने कहा कि इस बात कोई विश्वास नही कर सकता है कि प्रशासन ने भाजपा के मंत्री की सुनवाई नहीं की और बूथ कैप्चरिंग हुई। यह पूरी तरह से असत्य बात है। जनता में सरकार के प्रति आक्रोश है इसलिए मतदान प्रतिशत ज्यादा हुआ है। सुरेश राणा अपनी हार देख कर बौखला गए हैं और यह आरोप बेबुनियाद है।
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जिन गांवों में पुनः मतदान की अपील की गई है वो उनमे राजपूत-मुस्लिम बहुल है। आश्चर्यजनक यह है कि इसी सीट राजपूत मुस्लिम समाज के नेता और पूर्व विधायक राव वारिस को प्रत्याशी न बनाए जाने पर नाराजग़ी जताई गई थी। राव वारिस ने बताया कि प्रत्याशी न बनाया जाना पार्टी का निर्णय था जिसका वो सम्मान करते हैं। वोटिंग प्रतिशत इसलिए बढ़ा है क्योंकि सभी इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए लालायित हैं। गन्ना मंत्री सुरेश राणा को लेकर क्षेत्र में आक्रोश है और यही आक्रोश बूथ पर दिखाई दिए हैं। अब वो हार से बचने के बहाने बना रहे हैं। वो अगर पुनः मतदान कराने में कामयाब भी हो जाएंगे तो इस बार उनको भाजपा की वोट ढूंढने पर भी नहीं मिलेगी। राव वारिस बताते हैं कि इन गांवों ने कोरोना के दौरान बेहद तकलीफ सामना किया वो अपना गन्ना नही बेच पाए, उनके दिल मे आग जल रही थी जिसका जवाब उन्होंने वोट से दिया।
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जिन गांवों में यह आपत्ति की गई है उन्ही गांवो में सबसे बड़ा गांव भैसानी के शौकत चौधरी का कहना है कि बूथ कैप्चरिंग का आरोप एकदम मनगढ़त है, यहां एक बार नहीं दस बार भी वोट पड़ेगी तो परिणाम यही आएगा। इतनी फोर्स और व्यवस्था होने के बाद बूथ कैप्चरिंग संभव ही नहीं है। आरोप एकदम झूठे और हैरतअंगेज हैं। टपराना गांव के शमी खान के मुताबिक लोगों में वोट डालने को लेकर जोश था वो 2 आईडी लेकर वोट डालने गए। महिलाओं में ललक थी। आरोप हार के डर से लगाये जा रहे हैं। इससे यह भी पता चलता है कि उन्होंने हार स्वीकार कर ली है।
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