पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का विलय 20 मार्च को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल के साथ करेंगे। वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है ताकि बिखरे हुए जनता परिवार को फिर एकजुट किया जा सके। जेडीयू से अलग होकर उन्होंने 2018 में अपनी इस पार्टी का गठन किया था।
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हालांकि अभी यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि विलय के बाद आरजेडी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। दरअसल शरद यादव को हाइकोर्ट ने दिल्ली में उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है। इसके बाद ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद यादव आरजेडी से राज्यसभा जा सकते हैं।
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दरअसल बिहार में जुलाई महीने में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी, जिनमें से दो सीट बीजेपी, एक सीट जेडीयू के पास जाएगी। दो सीटें आरजेडी के पास आएगी और शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई 2022 में ही समाप्त हो रहा है।
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पिछले साल अगस्त माह में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा था कि शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है।
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