राजनीति

बिहार में जेडीयू-आरजेडी कई मुद्दों पर एक साथ, बीजेपी से सहमत नहीं नीतीश!

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल विभिन्न मुद्दे पर जहां आमने-सामने नजर आ रहे हैं वहीं एनडीए में शामिल जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कई मुद्दों पर एकसाथ नजर आ रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल विभिन्न मुद्दे पर जहां आमने-सामने नजर आ रहे हैं वहीं एनडीए में शामिल जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कई मुद्दों पर एकसाथ नजर आ रहे हैं। हालांकि, इस बारे में कोई खुलकर कहने को तैयार नहीं है लेकिन नेताओं के बयान के बीच इसके संकेत मिलने लगे हैं कि एनडीए और जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

बिहार में अब एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या जद (यू) फिर से राजद के साथ गलबहियां करेगी? कहा जा रहा है कि आमतौर किसी भी मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण तथा जातीय जनगणना को लेकर स्पष्ट तथा बीजेपी से अलग राय रखकर इसके स्पष्ट संदेश दे दिए हैं कि जद (यू) अलग राह भी अपना सकती है।

उत्तर प्रदेश की सरकार ने जब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की बात कही थी तभी नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर खुद मोर्चा संभाला और सामने आकर अपनी राय रखते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की नहीं बल्कि महिलाओं को शिक्षित करने की जरूरत है। इधर, नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को लेकर भी केंद्र सरकार से इस मामले को लेकर फिर से विचार करने की नसीहत तक दे डाली।

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 19 एवं पुन: बिहार विधान सभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसे केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।"

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

उल्लेखनीय है कि आरजेडी पहले से ही जातीय जनगणना की मांग करती रही है। इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब जानवरों की गणना हो सकती है तो ओबीसी और इबीसी की क्यों नहीं। केंद्र सरकार की मंशा इसे लेकर ठीक नहीं है।

इधर, जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि जदयू के स्टैंड साफ है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी और जेडीयू दोनों अलग-अलग दल हैं अब इसमें अलग-अलग नीतियां हैं।

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन खुलकर तो बहुत कुछ नहीं कहते हैं कि लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने जेडीयू को नसीहत देते हुए कहा कि, "जाति-धर्म व्यक्तिगत और सामाजिक मसले हैं, इसके राजनीतिक प्रयोग से हर जिम्मेवार राजनीतिक दल को बचना चाहिए। धार्मिक राजनीति का खामियाजा देश ने पाकिस्तान दे कर चुकाया है और हजारों जानें जातिगत राजनीति की भेंट चढ़ी हैं।"

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि राजनीतिक भूख के लिए समाज में विभेद फैलाना कहां तक उचित है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू कई मसलों पर अलग-अलग राय रखते हैं, दोनों अलग-अलग दल है।

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

बहरहाल, बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है, लेकिन दो मुद्दों पर दो घटक दलों की राय अलग-अलग है। ऐसे में कहा जा रहा है कि जेडीयू और आरजेडी के सुर एकबार फिर से मिलने लगे हैं। कहा भी जाता है कि राजनीति में कब, कौन किसके दोस्त और कब किसके दुश्मन हो जाएं, कहा नहीं सकता। ऐसे में अब देखना होगा कि बिहार की सियासत किस करवट बैठती है।

Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST

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Published: 26 Jul 2021, 1:09 PM IST