महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का ऐलान होने से पहले केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (ए) के अध्यक्ष रामदास अठावले से कोई चर्चा नहीं की गई। इस बात से अठावले बेहद गु्स्से में हैं और उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे उन्हें किनारा करने वालों को सबक सिखाएंगे।
अठावले मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिवसेना ने अपने गठबंधन को अंतिम रूप देते वक्त उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी, जबकि वे एनडीए का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि, “मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमें है। यह बात सही है कि जब बीजेपी-शिवसेना में तालमेल हो गया, अमित शाह की उपस्थिति में जब यह ऐलान हो गया तो मुझे वहां बुलाने की आवश्यकता थी।”
उन्होंने आगे कहा कि, “पूरे देश में यह संदेश गलत गया कि शिवसेना-बीजेपी एक साथ आए हैं, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया। एक भी सीट नहीं आरपीआई को नहीं दी। अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है। हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है।”
Published: 25 Feb 2019, 7:00 AM IST
रामदास अठावले ने इस गठबंधन पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि, “हमारी उपेक्षा की गई है। दोनों पार्टियों को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी। आज बीजेपी और शिवसेना के फैसले में दलित समाज और हमारी उपेक्षा की गई है। इससे दलित समाज में आक्रोश है। वे साथ आ गए हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन हमारी पार्टी को और हमें भूलना ठीक बात नहीं है। अगर वे हमें साथ नहीं रखते हैं, तो उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि आरपीआई के नेता 25 फरवरी को मुंबई में बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
Published: 25 Feb 2019, 7:00 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 25 Feb 2019, 7:00 AM IST