राजस्थान में लगता है कि प्रदेश बीजेपी में जारी आपसी खींचतान पर काबू पाना अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बस के भी बाहर हो गया है। इसका संकेत इस बात से मिलता है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ चार परिवर्तन यात्राओं का नेतृत्व चार वरिष्ठ नेताओं को देने के अपने फैसले को पलटते हुए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अब यात्राओं की कमान अपने हाथ में ले ली है। पार्टी ने घोषणा की है कि कोई भी एक नेता किसी विशेष यात्रा का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा, बल्कि सभी यात्राओं में पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों का मिश्रित प्रतिनिधित्व होगा।
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दरअसल पहले कहा गया था कि चारों यात्राओं में एक-एक यात्रा का नेतृत्व वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह, सतीश पूनिया, सीपी जोशी आदि नेताओं को मिलेगा। लेकिन अब कहा गया है कि इनमें से कोई भी नेता एक रूट तक सीमित नहीं रहेगा। पार्टी नेताओं ने कहा कि ये सभी नेता चारों यात्राओं में हिस्सा लेंगे।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में परिवर्तन यात्राओं का प्रतिनिधित्व कोई एक चेहरा नहीं करेगा। प्रत्येक यात्रा 50 सीटों को कवर करेगी और सभी चार यात्राओं में दिग्गज नेताओं को भाग लेना होगा। प्रदेश में चारों तरफ से इसकी तैयारी कर ली गई है। पहली यात्रा सवाई माधोपुर के गणेश मंदिर से पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा द्वारा शुरू की जाएगी।
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3 सितंबर से शुरू होने वाली यात्रा के दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह बेणेश्वर धाम पहुंचेंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी दो अन्य यात्राओं को जैसलमेर के रामदेवरा और हनुमानगढ़ के गगामेड़ी में हरी झंडी दिखाएंगे। ये कार्यक्रम 4 और 5 सितंबर को होंगे। रैली का समापन जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभा के साथ होगा।
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बीजेपी की योजना के मुताबिक यात्रा में किसी भी नेता को सीएम का चेहरा नहीं माना जाएगा। ऐसे में सभी नेताओं के लिए चार यात्राओं का कार्यक्रम बनाया गया है। इन यात्राओं के लिए रथ तैयार हो रहे हैं। पार्टी की रणनीति है कि यात्राएं 20-22 दिन तक चलनी चाहिए। प्रत्येक यात्रा में लगभग 50 सीटें शामिल होनी चाहिए। यात्रा के दौरान पेपर लीक, भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध, कानून-व्यवस्था, किसान और बिजली-पानी से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे।
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पार्टी प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि प्रदेश का कोई भी बड़ा नेता एक यात्रा तक सीमित नहीं रहेगा। उन्हें सभी यात्राओं में यात्रा करनी होगी। उन्होंने साफ कहा कि हमने किसी को कमान नहीं सौंपी है, बल्कि व्यवस्था संभालने के लिए समन्वयक और सह-समन्वयक नियुक्त किए हैं। पार्टी ने सवाई माधोपुर के लिए अरुण चतुर्वेदी, बेणेश्वर के लिए चुन्नीलाल गरासिया, गागामेड़ी के लिए सीआर चौधरी, रामदेवरा रूट के लिए राजेंद्र गहलोत को समन्वयक नियुक्त किया है।
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