माया कोडनानी के बाद बीजेपी के पूर्व नेता वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी भी के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं।
राम जेठमलानी ने कहा कि 2010 में मोदी ने उनसे नजदीकियां इसलिए बढ़ानी शुरू की थीं, ताकि वह अमित शाह को सोहराबुद्दीन हत्याकांड में बचाने के लिए उनकी कानूनी मदद ले सकें।
वकालत से सन्यांस लेने से कुछ ही दिन पहले राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने खुले पत्र में ये बात सार्वजनिक की है। बीते 23 अगस्त को जारी किए गए इस नौ पन्नों के पत्र में देश के इस जाने-माने वकील ने काले धन के खिलाफ प्रधानमंत्री की कथित लड़ाई की बखिया उधेड़ी है और 2019 के चुनावों में मोदी की हार सुनिश्चित करने का संकल्प जाहिर किया है।
Published: 13 Sep 2017, 12:42 PM IST
जेठमलानी ने 2004 में बीजेपी छोड़ दिया था। 2009 में उन्होंने काले धन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाया था। उनका कहना है कि उस समय मोदी और अमित शाह ने उस लड़ाई के लिए उनकी सराहना की और उन्हें बीजेपी में फिर से लाने की बात उठाई। वह सब इसलिए किया गया, ताकि आगे अमित शाह को हत्या के गंभीर मामले से बचाने के लिए जेठमलानी की कानूनी सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सके।
जेठमलानी का यह भी कहना है कि मतलब निकल जाने के बाद मोदी और शाह की जोड़ी ने उन्हें फिर से बीजेपी से निष्कासित करा दिया।
Published: 13 Sep 2017, 12:42 PM IST
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Published: 13 Sep 2017, 12:42 PM IST