देश के लिए ऐतिहासिक घटना में मंगलवार को लंबे अर्से से अटका पड़ा मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 (तीन तलाक बिल) आखिरकार राज्यसभा से पास हो गया। उच्च सदन से पारित होने के बाद अब इस पर केवल राष्ट्पति की सहमति बाकी है, जिसके बाद यह एक कानून बन जाएगा। पिछली मोदी सरकार से तीन तलाक पर बिल के लिए जारी कोशिश आखिरकार मंगलवार को उस समय रंग लाई, जब कई दलों ने सदन से वॉकआउट कर इसमें परोक्ष तौर पर बड़ी भूमिका निभाई।
मंगलवार को सदन से कई बड़े दलों के वॉकआउट करने से इस बिल के पास होने का रास्ता आसान हो गया। तीन तलाक बिल के लिए हुई वोटिंग के पक्ष में 99 वोट और विपक्ष में 84 वोट पड़े। इ सके पहले विपक्ष ने इस बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव रखा, लेकिन, वह प्रस्ताव 84 के मुकाबले 100 वोट से गिर गया।
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लेकिन इस बार राज्यसभा से इस बिल के पास होने की कहानी कम दिलचस्प नहीं है। देश में किसी बिल को कानून का रूप देने के लिए उसे लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा से भी पारित कराना जरूरी है। इससे पहले तीन तलाक बिल लोकसभा से दो बार पारित हो चुका था, लेकिन दोनों ही बार राज्यसभा में विपक्ष की एकजुटता के कारण यह बिल गिर गया था। लेकिन, इस बार जेडीयू, एआईडीएमके, बीएसपी और टीआरएस जैसे दलों के वोटिंग में हिस्सा नहीं लेकर वॉकआउट करने और बीजेडी का समर्थन मिलने से तीन तलाक बिल आसानी से पास हो गया।
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दरअसल 242 सदस्यों वाली राज्यसभा में बिल को पारित कराने के लिए जरूरी संख्या बल 121 चाहिए थी। वर्तमान में राज्यसभा में बीजेपी के 78 और कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इसके अलावा एआईडीएमके के 11, जेडीयू के 6, बीएसपी के 4 और पीडीपी के 2 सांसद हैं। आज सबसे पहले जेडीयू और एआईडीएमके के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया, जिसके बाद सदन में 213 सदस्य बचे। इसके बाद जब टीआरएस, बीएसपी और पीडीपी के सांसद भी सदन से बाहर चले गए और सदन में 183 सदस्य ही रह गए। इसके बाद बीजेपी के लिए बिल पारित कराने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया। वोटिंग के दौरान एसपी के भी कुछ सांसद वोटिंग में शरीक नहीं हुए।
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और इस तरह कई क्षेत्रीय दलों के परोक्ष मदद से बीजेपी ने आसानी से राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास करा लिया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहां से हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इस बिल में मुस्लिम समुदाय में तत्काल तीन तलाक देने पर पुरुषों को सजा का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रावधान को लेकर विपक्षी दलों और मुस्लिम समाज के एक हिस्से को आपत्ति रही है।
लेकिन, सदन के बाहर इन्हीं मुद्दों पर जमकर तीन तलाक बिल का विरोध करने वाले कई विपक्षी दलों के आज राज्यसभा से वॉकआउट की मदद से बीजेपी की स्थिति मजबूत हो गई और तीन तलाक बिल आसानी से पारित हो गया।
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