महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद कुछ सवाल सीधे खड़े होते हैं। प्रोटेम स्पीकर से लेकर व्हिप जारी करने के अधिकार तक कई ऐसे अनसुलझे सवाल हैं जिनके जवाब मिलना बाकी है।
महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद कुछ सवाल सीधे खड़े होते हैं:
प्रोटेम स्पीकर कौन होगा?
परंपरा रही है कि प्रोटेम स्पीकर सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य होता है, लेकिन यह सिर्फ परंपरा है और राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है। कर्नाटक के मामले में राज्यपाल ने इस परंपरा को तोड़ा था।
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क्या प्रोटेम स्पीकर विधायक दल के नेता को मंजूरी देता है?
प्रोटेम स्पीकर का काम आमतौर पर चुने गए नए सदस्यों को शपथ दिलाना होता है और इसके बाद विधायक मिलकर सदन के स्पीकर का चुनाव करते हैं। और फिर नए स्पीकर ही किसी भी पार्टी के विधायक दल के नेता को मान्यता देते हैं।
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एनसीपी की तरफ से कौन जारी कर सकता है व्हिप?
आमतौर पर विधायक दल के नेता ही अपनी पार्टी के सदस्यों के लिए व्हिप जारी करते हैं। लेकिन एनसीपी में इस समय अलग स्थिति है। शुरु में अजित पवार को विधायक दल का नेता चुना गया था, लेकिन उनके बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद उन्हें इस पद से हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इस आशय का पत्र भी एनसीपी ने विधानसभा सचिवालय को सौंप दिया है। खबर है कि सचिवालय ने जयंत पाटिल को एनसीपी विधायक दल का नेता मान लिया है, लेकिन विधानसभा सचिव का बयान बताता है कि इस पर अंतिम फैसला स्पीकर को लेना होता है। ऐसे में इस पर असमंजस है कि एनसीपी विधायकों के लिए कौन व्हिप जारी करेगा, जयंत पाटिल या अजित पवार?
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अगर देवेंद्र फडणविस आज दे दें इस्तीफा तो फिर क्या होगा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि बुधवार शाम 5 बजे तक शक्ति परीक्षण हो जाना चाहिए। यानी इस समय महाराष्ट्र में जो देवेंद्र फडणविस सरकार है उसे विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा। लेकिन अगर देवेंद्र फडणविस इस्तीफा दे देते हैं तो फिर सरकार ही नहीं रहेगी, ऐसे में बहुमत साबित करने का भी कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
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फिर किस दल को बुलाएं राज्यपाल सरकार गठन के लिए?
अगर देवेंद्र फडणविस इस्तीफा दे देते हैं तो राज्यपाल महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए नए सिरे से राजनीतिक दलों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। मौजूदा स्थितियों में एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस का महागठबंधन सबसे बड़ा दल है और इस गठबंधन ने सोमवार शाम ही अपने 162 विधायकों का परेड कराने के बाद राज्यपाल को एक पत्र सौंप दिया है। अगर राज्यपाल इस पत्र को मान्यता देते हैं तो वे इसी दल को सरकार गठन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
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