राजनीति

महाराष्ट्र का सियासी महासंग्राम: हंगामे के बीच अजित पवार ने NCP के नए दफ्तर का किया उद्घाटन, शरद पवार कर रहे बैठक

इन सब के बीच महाराष्ट्र में बैठकों का दौर भी लगातार चल रहा है। सीएम शिंदे ने मंगलवार को कैबिनेट विस्तार के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग बुलाई। उधर शरद पवार ने भी एनसीपी दफ्तर में नेताओं की मीटिंग बुलाई है।

एनसीपी में बगावत कर बीजेपी-शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणविस से चर्चा करते अजित पवार (फोटो : Getty Images)
एनसीपी में बगावत कर बीजेपी-शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणविस से चर्चा करते अजित पवार (फोटो : Getty Images) Hindustan Times

महाराष्ट्र में सियासी तूफान अभी कुछ दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। एनसीपी के दोनों धड़ों के बीच खींचतान जारी है। लोगों की नजरें अब तीन अलग-अलग घटनाक्रमों पर टिकी हुई हैं। पहला यह है कि इस टूट के बाद अब शरद पवार का अगला कदम क्या होगा? दूसरा यह की अजित पवार के इस फैसले का महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के भविष्य पर क्या असर होगा और तीसरा यह की अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का शिंदे गुट पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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इन सब के बीच महाराष्ट्र में बैठकों का दौर भी लगातार चल रहा है। सीएम शिंदे ने मंगलवार को कैबिनेट विस्तार के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग बुलाई। इस बैटख में नए नवले डिप्टी सीएम बने अजित पवार समेत 8 विधायक शामिल हुए। उधर शरद पवार ने भी एनसीपी दफ्तर में नेताओं की मीटिंग बुलाई है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने भी आज एक मीटिंग बुलाई है। कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष को लेकर बैठक कर रही है।

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उधर, अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर पर भी मंगलवार को हंगामा हुआ। समर्थकों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। सोमवार को एनसीपी से निकाले जाने के बाद अजित ने अपनी नई पार्टी बना ली है। उन्होंने आज नए दफ्तर का उद्घाटन भी किया।

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वहीं प्रफुल्ल पटेल का दावा है कि 53 में से 51 विधायकों ने शरद पवार से कहा था कि एमवीए सरकार गिरने के बाद बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की संभावना तलाशी जानी चाहिए। जयंत पाटिल भी इनमें से एक थे। लेकिन शरद पवार गुट के क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, "अजीत पवार गुट कानूनी दांव-पेच चल रहा है। हमें अपना काम करना होगा। एनसीपी का मतलब अब भी शरद पवार ही है, घड़ी का चुनाव चिन्ह भी उनके पास है और वे अभी भी पार्टी के एक्टिव प्रेसिडेंट हैं।"

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इससे पहले सोमवार को सातार में हुई रैली में शरद पवार ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- बीजेपी देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। हमारे कुछ लोग बीजेपी का शिकार हो गए। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी। शरद पवार ने कहा कि, बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं। वहां अजित पवार खेमे से कई लोग होंगे, जिनका कहना है कि उनकी विचारधारा एनसीपी से अलग नहीं है और वे अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे।

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बता दें कि उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा था कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने एनसीपी छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि एनसीपी के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मेजॉरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए।

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