महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी है। इस संबंध में राजभवन की तरफ से एक प्रेस-रिलीज भी जारी कर दी गई है। राज्यपाल ने कहा है कि चूंकि प्रदेश में संवैधिनक रूप से सरकार बनने के आसार नहीं है। लिहाजा, धारा 356 (राष्ट्रपति शासन) लागू किया जाए।
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
उधर, राष्ट्रपति शासन लागू करने के खिलाफ शिवसेना के सुप्रीम कोर्ट जाने की खबर है। शिवसेना के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दरख्वास्त की है कि उनकी याचिका पर आज ही सुनवाई की जाए। शिवसेना महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को भी चुनौती देने के लिए दूसरी याचिका तैयार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अभी तक शिवसेना के वकीलों को ये नहीं बताया है कि उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का फैसला लिया गया है या नहीं।
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना ने अपनी याचिका में मांग की है कि राज्यपाल के उस आदेश को रद्द किया जाए जिसमें उन्होंने शिवसेना को समर्थन पत्र जमा करने के लिए तीन दिनों का समय देने से इनकार किया था। शिवसेना ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट गर्वनर को आदेश दे कि शिवसेना को समर्थन जुटाने के किये पर्याप्त समय दिया जाए। शिवसेना ने अपनी याचिका में ये भी कहा कि राज्यपाल के उस आदेश को रद्द किया जाए जिसमें उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना के क्लेम को खारिज कर दिया था। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और देवदत्त कामत सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं।
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
राज्यपाल के फैसले की एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने विरोध किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “राज्यपाल कोशियारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करके लोकतंत्र और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है। संवैधानिक योजना के चार गंभीर उल्लंघन, एसआर बोम्मई निर्णय में व्यक्त किए गए हैं।”
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की कैबिनेट की सिफारिश के बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने केंद्र सरकार की आलोचना की है। संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला बहुत पहले हो चुका था। लेकिन माननीय राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट भेजने से पहले आज रात 8.30 बजे तक इंतजार करना चाहिए था, क्योंकि इस समयसीमा को उन्होंने ही तय किया था और एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया था। पहली नजर में यह अवैध और असंवैधानिक दिखता है।
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
बता दें कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था। इससे पहले सोमवार दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। एनसीपी के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। राज्य में पिछली सरकार का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो गया था।
Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST
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Published: 12 Nov 2019, 5:07 PM IST