महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलने के बावजूद शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है। अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि “पूरे महाराष्ट्र के नतीजों को देखें तो शिवसेना-बीजेपी युति (शिवसेना-बीजेपी गठबंधन) को सरकार बनाने लायक बहुमत मिल चुका है। ‘आंकड़ों’ का खेल संसदीय लोकतंत्र में चलता रहता है। ‘गठबंधन’ का आंकड़ा स्पष्ट बहुमत का है। शिवसेना और बीजेपी का एक साथ करीब 160 का आंकड़ा आया है। महाराष्ट्र की जनता ने निश्चित करके ही ये नतीजे दिए हैं। फिर इसे महाजनादेश कहो, या कुछ और। यह जनादेश है महाजनादेश नहीं, इसे स्वीकार करना पड़ेगा।”
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चुनावी रैलियों और यात्राओं महाजनादेश यात्रा कहा जा रहा था। शिवसेना ने इसी पर निशाना लगाया है। शिवसेना ने कहा है कि, “महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और साफ है। अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना समाप्त हो जाओगे, ऐसा जनादेश ‘ईवीएम’ की मशीन से बाहर आया। ‘ईवीएम’ से सिर्फ कमल ही बाहर आएंगे, ऐसा आत्मविश्वास मुख्यमंत्री फडणवीस को आखिरी क्षण तक था लेकिन 164 में से 63 सीटों पर कमल नहीं खिला।“
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना ने विपक्ष को मिले आंकड़ों को लेकर भी बीजेपी पर ही वार किया है। उसने कहा है कि “महाराष्ट्र में 2014 की अपेक्षा कुछ अलग नतीजे आए हैं। 2014 में गठबंधन नही था, 2019 में था, इसके बावजूद सीटें कम हुईं। बहुमत मिला लेकिन कांग्रेस-एनसीपी मिलकर 100 सीटों तक पहुंच गई। एक मजबूत विरोधी पक्ष के रूप में मतदाताओं ने उन्हें एक जिम्मेदारी सौंपी है। ये एक प्रकार से सत्ताधीशों को मिला सबक है। धौंस, दहशत और सत्ता की मस्ती से प्रभावित न होते हुए जनता ने जो मतदान किया, उसके लिए उसका अभिनंदन!”
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना ने शरद पवार की पार्टी एनसीपी की तारीफ करते हुए बीजेपी पर तोड़मोड़ की राजनीति करने को लेकर कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी ने तो एनसीपी ऐसी सेंध लगाई थी कि लगने था कि पवार की पार्टी में कुछ बचेगा या नहीं, लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा छलांग एनसीपी ने ही लगाई है और 50 का आंकड़ा पार कर लिया है।
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना ने इन नतीजों को चौंकाने वाला बताते हुए कहा है कि, “ये रुझान चौंकाने वाले हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ‘अति उत्साह में मत आओ, सत्ता की धौंस दिखाओगे तो याद रखो!’ राज्य की जनता ने ऐसा जनादेश दिया है। सत्ता का दुरुपयोग करते हुए राजनीति करने से किसी को खत्म नहीं किया जा सकता और ‘हम करें तो कायदा’ नहीं चलता। अपने बल पर बीजेपी पूर्ण बहुमत नहीं पा सकी। बीजेपी के कई गढ़ों में कांग्रेस और राष्ट्रवादी को मिली बढ़त का विश्लेषण करने में समय लगेगा। दूसरे दलों में सेंध लगाकर और दल बदलकर बड़ी जीत हासिल की जा सकती है, जनता ने इस भ्रम को तोड़ दिया है। पार्टी बदलकर ‘टोपी’ बदलनेवालों को जनता ने घर भेज दिया है। सातारा में उदयनराजे भोंसले की करारी हार हुई। अपना कॉलर उड़ाते हुए घूमने वाले शिवराय के वंशज उदयनराजे भोंसले को नीतिगत व्यवहार करना चाहिए था। सातारा की गद्दी छत्रपति शिवराय की है और उसका अपना मान-सम्मान है। सातारावासियों ने यह दिखा दिया कि छत्रपति का नाम लेकर कोई अल्टी-पल्टी मारेगा तो ये स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना यहीं नहीं रुकी है। उसने बीजेपी के प्रचार में 370 को जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल का भी मुद्दा उठाया है। उसने कहा है कि प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में 10 सभाएं की, अमित शाह ने 370 पर 40 सभाएं की। लेकिन कुछ काम नहीं आया और उसकी सीटें घट गईं।
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना ने मुख्यमंत्री फडणवीस को भी नहीं छोड़ा है। उसने कहा है कि बीजेपी का बड़ी जीत का सपना टूट गया लेकिन सत्ता बचाने में सफलता मिली, इतना ही समाधान है। शिवसेना ने कहा है कि, “मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में खुद को तेल लगाए हुए पहलवान के रूप में प्रस्तुत किया लेकिन बड़े मन से इसे स्वीकार करना होगा कि ‘तेल’ थोड़ा कम पड़ गया और माटी की कुश्ती वाले उस्ताद के रूप में शरद पवार ने ‘गदा’ जीत ली है।”
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
शिवसेना ने अंत में कहा है कि, “चुनाव समाप्त हो गए और हम महाराष्ट्र के चरणों में अपनी सेवा शुरू करने जा रहे हैं। कौन हारा और कौन जीता, इस पर बाद में मंथन करेंगे। महाराष्ट्र की भावनाओं को कुचलकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता और मराठी भावनाओं की छाती पर पैर रखकर कोई शासन नहीं कर सकता।”
Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST
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Published: 25 Oct 2019, 11:22 AM IST