मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव के तैयारियों में लगी हुई हैं। बड़े-बड़े नेता रैली तक करने लगे हैं। पीएम मोदी के साथ-साथ आप अध्यक्ष केजरीवाल भी मध्य प्रदेश का चक्कर काट चुके हैं। लेकिन इस बार बीजेपी की स्थिति कुछ अच्छी नहीं दिख रही है। हाल के सर्वे में भी शिवराज सरकार की नैया डूबती नजर आ रही है। वहीं पार्टी की 'जन आशीर्वाद' यात्रा इस बार उलझनों में है। जुलाई के पहले पखवाड़े में यह निकलनी है, लेकिन इसका रोडमैप अभी तक तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के बड़े नेता इस यात्रा की शुरुआत करेंगे, लेकिन अभी तक कोई फॉर्मूला नहीं दिख रहा है।
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दरअसल बीजेपी बड़ी सभाओं और बड़े नेताओं के जारिए लोगों को लुभाने का प्लान कर रही है। हालांकि कुछ नेताओं को यह फॉर्मूला कुछ ज्यादा पसंद नहीं आ रहा है। लिहाजा इस पर चार जुलाई को होने वाली कोर कमेटी की मीटिंग में चर्चा हो सकती है। इसे फॉलोअप मीटिंग नाम दिया गया है। एबीपी न्यूज के मुताबिक फॉर्मूले में तर्क दिया गया है कि तोमर-सिंधिया ग्वालियर-चंबल में यात्रा निकालें। इसमें वहां के बाकी नेता शामिल हों। विजयवर्गीय मालवा में रहें। वीडी शर्मा बुंदेलखंड में जाएं। शिवराज सिंह मध्य भारत संभालने के साथ पूरे मध्य प्रदेश में बड़ी सभाओं को संबोधित करें। इसमें केंद्रीय लीडरशिप भी शामिल हो जाए। हालांकि अभी इस पर फैसला होना बाकी है। अभी इस यात्रा का खाका ही तैयार किया जा रहा है। इसके केंद्रीय संगठन से मंजूरी नहीं मिली है।
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बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव में भी यह यात्रा निकाली थी। इस यात्रा के जरिए पार्टी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा सीटों तक पहुंचे की होती है। पिछली बार 230 सीटों के लिए निकली यात्रा 181 सीटों तक पहुंची थी, क्योंकि टिकट वितरण के मद्देनजर अक्टूबर में इसे रोक दिया गया था। इस यात्रा को शिवराज सिंह ने लीड किया था। इस बार फिर यह यात्रा 230 सीटों तक जानी है,लेकिन यात्रा सिर्फ शिवराज सिंह चौहान निकालेंगे या अलग-अलग जगहों से निकलेगी, इस पर निर्णय होना बाकी है।
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