राजनीति

लोकसभा चुनावः पहले चरण में राजस्थान की जयपुर-दौसा समेत 12 सीटों पर भी कल मतदान, दांव पर मोदी की साख

यूं तो राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर होती आई है। लेकिन इस बार बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी करते हुए कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ-साथ लेफ्ट और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) से गठबंधन किया है, जो बीजेपी को भारी पड़ रहा है।

पहले चरण में राजस्थान की जयपुर-दौसा समेत 12 सीटों पर भी कल मतदान, दांव पर मोदी की साख
पहले चरण में राजस्थान की जयपुर-दौसा समेत 12 सीटों पर भी कल मतदान, दांव पर मोदी की साख फोटोः सोशल मीडिया

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। इस चरण में राजस्थान की जयपुर, दौसा, श्रीगंगानर, बीकानेर, चूरू, नागौर, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, और करौली-धौलपुर समेत कुल 12 सीटों पर भी मतदान होना है। यूं तो राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर होती आई है। लेकिन इस बार बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी करते हुए कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ-साथ लेफ्ट और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) से गठबंधन किया है। राजस्थान में इस बार बीजेपी पूरी तरह से मोदी मैजिक पर निर्भर है, जिससे राज्य में मोदी की साख दांव पर है। पहले चरण की 12 सीटों में से 6 सीटें ऐसी हैं, जिसके नतीजों पर सबकी नजरें होंगी। ये 6 सीटें है- जयपुर, दौसा, चूरू, नागौर, बीकानेर, अलवर। आइए जानें सीटों का हाल।

जयपुरः प्रताप खाचरियावास के सामने बीजेपी की मंजू शर्मा

जयपुर शहर की लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद रामचरण बोहरा का टिकट काटकर मंजू शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। मंजू शर्मा बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और कई बार विधायक रहे दिवंगत भंवरलाल शर्मा की बेटी हैं। उनके सामने कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे यह हॉट सीट बन गई है।

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दौसाः दांव पर किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा

दौसा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर बस्सी के पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है। किरोड़ीलाल मीणा अपने भाई जगमोहन मीणा को यह टिकट दिलवाना चाहते थे। मौजूदा सांसद जसकौर मीणा भी अपनी बेटी अर्चना मीणा के लिए टिकट मांग रही थीं। लेकिन दोनों को टिकट नहीं मिला। कन्हैयालाल मीणा के सामने कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक मुरारी लाल मीणा को उतारा है। सचिन पायलट मुरालीलाल मीणा के समर्थन में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। दौसा को सचिन पायलट और उनके पिता स्व. राजेश पायलट का गढ़ माना जाता रहा है। किरोड़ी लाल मीणा ने यहां जमकर प्रचार किया था। मीणा ने यहां तक कह दिया था कि यदि यहां से बीजेपी हारी तो वो मंत्री पद छोड़ देंगे, जिससे उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।

जयपुर ग्रामीणः राजपूत बनाम जाट में बदला मुकाबला

जयपुर ग्रामीण से बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है, जो पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस ने युवा नेता अनिल चोपड़ा को उम्मीदवार बनाया है। यहां की लड़ाई राजपूत बनाम जाट की बन गई है। पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव बीजेपी में शामिल होने के बाद राव राजेंद्र सिंह के प्रचार में जुटे हैं, जबकि सचिन पायलट ने युवा नेता अनिल चोपड़ा के लिए मोर्चा संभाला हुआ है।

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नागौरः हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी की ज्योति मिर्धा की बढ़ाई परेशानी

राजस्थान की नागौर सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा चुनाव मैदान में हैं। जिनका सीधा मुकाबला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के हनुमान बेनीवाल से है। कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा, बल्कि इंडिया गठबंधन के तहत आरएलपी को समर्थन दिया है। हनुमान बेनीवाल ही कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी हैं। ज्योति मिर्धा राजनीतिक मिर्धा घराने से हैं, जो नाथूराम मिर्धा से लेकर दशकों तक कांग्रेसियों का परिवार रहा है। लेकिन अब हालात बदले हुए हैं और ज्योति मिर्धा बीजेपी से मैदान में हैं।

चूरूः बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला कांटे का

चूरू लोकसभा सीट पर अबकी बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बीजेपी ने सांसद रहे राहुल कस्वां का टिकट काटकर पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को उम्मीदवार बनाया तो राहुल कस्वां ने कांग्रेस जॉइन कर ली। अब राहुल कस्वां कांग्रेस के टिकट पर चूरू से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए यह हॉट सीट बन गई है। चूरू सीट पर बीजेपी मुश्किल में थी, लेकिन बीएसपी के सादुलपुर विधायक रहे मनोज न्यांगली के एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने और बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया के प्रचार में जुट जाने से बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला कांटे का हो गया है।

बीकानेरः मैदान में दो मेघवाल, रोचक हुआ मुकाबला

बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल लगातार तीसरी बार बीजेपी प्रत्याशी हैं। उनके सामने कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल को मैदान में उतारा है। हालांकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी। ऐसे में यहां मेघवाल बनाम मेघवाल का मुकाबला रोचक हो गया है।

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अलवरः दो यादवों में टक्कर, BSP ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया

अलवर लोकसभा सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने मौजूदा विधायक ललित यादव को उम्मीदवार बनाया है। दोनों यादव समाज से हैं, जिनका क्षेत्र में दबदबा है। लेकिन अलवर में बीएसपी ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। मायावती खुद बीएसपी उम्मीदवार फजल खान के समर्थन में वोट की अपील करने अलवर आई थीं। बीसएपी उम्मीदवार के खड़े होने से बीजेपी को फायदा है और कांग्रेस को नुकसान है, क्योंकि मुस्लिम वोट बैंक दोफाड़ होने की आशंका हो गई है।

करौली-धौलपुरः दो जाटवों में सीधा मुकाबला

करौली-धौलपुर सीट- करौली-धौलपुर से बीजेपी ने सांसद डॉ मनोज राजोरिया का टिकट काटकर करौली पंचायत समिति की पूर्व प्रधान इंदु देवी जाटव को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव से है। वहीं बहुजन समाज पार्टी से यहां विक्रम सिंह प्रत्याशी हैं। यहां जाटव बनाम जाटव का मुकाबला है। भजनलाल जाटव भरतपुर के रहने वाले हैं, जबकि इंदु देवी जाटव करौली की हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम समय में यहां से कांग्रेस की विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजन बीजेपी में शामिल हो गए हैं। अब देखना होगा कि इसका क्या असर होता है।

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श्रीगंगानगरः करणपुर में मिली जीत से कांग्रेस मजबूत

श्रीगंगानगर लोकसभा सीट से बीजेपी ने निहालचंद मेघवाल का टिकट काटकर प्रियंका बैलाण को  उम्मीदवार बनाया है, जो अनूपगढ नगर परिषद की सभापति हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वहीं श्रीगंगानगर से कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को उम्मीदवार बनाया है। पिछले साल राज्य चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने श्रीगंगानर की करणपुर सीट से भारी जीत हासिल की थी। यह जीत काफी अहम थी क्योंकि बीजेपी की सरकार में मंत्री घोषित हो चुके प्रत्याशी को हार मिली थी। इससे कांग्रेस का यहां मनोबल भी काफी बढ़ा हुआ है।

झुंझुनूंः कद्दावर जाट नेता से BJP को चुनौती

झुंझुनूं लोकसभा सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद नरेंद्र कुमार का टिकट काट कर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक बृजेंद्र सिंह ओला से है। ओला कद्दावर जाट नेता और केंद्रीय मंत्री रहे स्व. शीशराम ओला के पुत्र हैं। साथ ही वह सचिन पायलट के भी बेहद करीबी हैं। ऐसे में यहां भी बीजेपी के लिए मुकाबला कांटे का हो गया है।

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भरतपुरः जाट आरक्षण आंदोलन तय करेगा चुनावी नतीजा

भरतपुर लोकसभा सीट से भी बीजेपी ने मौजूदा सांसद रंजीता कोली का टिकट काटकर पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने संजना जाटव को प्रत्याशी बनाया है। भरतपुर में जाट आरक्षण आंदोलन भी चुनावी हवा तय करेगा, क्योंकि यहां 5 लाख से ज्यादा जाट हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों सीएम भजनलाल ने कहा था कि जाट आरक्षण मुद्दे पर राज्य सरकार ओबीसी आयोग में पुरजोर पैरवी करेगी।

सीकरः बीजेपी के सुमेधानंद का मुकाबला कामरेड अमराराम चौधरी से

सीकर लोकसभा सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने यहां खुद का प्रत्याशी उतारने की बजाय इंडिया गठबंधन के तहत सीपीएम को यह सीट दे दी है। सीपीएम की ओर से अमराराम चौधरी यहां से मैदान में हैं। ऐसे में यहां सुमेधानंद का मुकाबला कामरेड अमराराम चौधरी से है। अमराराम के समर्थन में पूर्व सीएम अशोक गहलोत समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सभाएं की हैं। सीकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गृह जिला है। विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा था। ऐसे में यहां डोटासरा की भी प्रतिष्ठा दांव पर है।

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