झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार से कई सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब जवाब दे गया है। वहीं राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को भी कई राज्यों के चुनाव में मात मिली है। झारखंड में तो बीजेपी बुरी तरह हार गई। नरेंद्र मोदी, अमित शाह की सभाएं भी उम्मीदवारों को जिता नहीं सकीं। पर्सेंटेज के हिसाब से देखें तो अमित शाह सबसे ज्यादा फ्लॉप रहे। वहीं 100 फीसदी की सफलता के साथ प्रियंका गांधी का सक्सेस रेट सबसे उमदा रहा।
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बीजेपी अपना हर चुनाव पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर के लड़ती है, लेकिन हाल के विधानसभा चुनाव में यह चेहरा भी बीजेपी को जीत दिलाने में नाकाम रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छ्तीसगढ़ के बाद झारखंड में भी बीजेपी का जनाधार खंड-खंड हो गया। राज्य की सबसे हॉट सीट पूर्वी जमशेदपुर में उनकी सभा के बावजूद बीजेपी के सबसे बड़े उम्मीदवार रघुवर दास की जीत नहीं हो सकी। दास मुख्यमंत्री थे और उन्हीं के नेतृत्व में बीजेपी ने झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ा।
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दास को पूर्वी जमशेदपुर में उन्हीं की सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने हराया। राय टिकट नहीं दिए जाने के बाद बागी हो गए थे। नरेंद्र मोदी ने जहां सभाएं की थीं, उस दायरे में गुमला, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, बरही, दुमका, बरहेट सीटें आती हैं। इनमें से कहीं बीजेपी नहीं जीती। गैर बीजेपी या निर्दलीय उम्मीदवार ही जीते।
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अमित शाह ने 11 चुनाव सभाएं की थीं। देवघर और बाघमारा के अलावा सब जगह बीजेपी हारी। अमित शाह ने मनिका, लोहरदगा, चतरा, गढ़वा, बहरागोड़ा, चक्रधरपुर, गिरिडीह, पाकुड़, पोड़ैयाहाट में सभाएं की थीं। पोड़ैया हाट में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के बाबू लाल मरांडी जीते। बाकी जगहों पर विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों को ही जीत मिली।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुल पांच सभाएं की थीं। इनमें से चार सीटों पर कांग्रेस या साथी दल जीते। प्रियंका ने सिर्फ पाकुड़ में सभा की थी और वहां कांग्रेस उम्मीदवार सफल रहा। बीजेपी को इस बार पिछले चुनाव की तुलना में दो प्रतिशत ज्यादा ही वोट मिले, लेकिन उसकी सीटें 12 कम हो गईं। ठीक उलट, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का वोट प्रतिशत दो फीसदी कम हुआ, लेकिन सीटें 12 बढ़ गईं।
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