बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) को अब राष्ट्रीय पार्टी बनने की कवायद तेज कर दी गई है। पार्टी ने अब अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करने की योजना बनाकर 'मिशन नीतीश' की घोषणा कर दी है। लेकिन कहा जा रहा है कि इस मिशन का मकसद पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ान के साथ ही नीतीश कुमार की स्वीकार्यता भी बढ़ाना है।
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जेडीयू संसदीय दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि पूरे देश में 'मिशन नीतीश' चलाया जाएगा औए इसके तहत देश में राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के स्तर पर नीतीश कुमार के व्यक्तित्व का प्रसार करना और उनकी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कार्यकर्ता निकले हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को पूरे बिहार और देश में नंबर वन पार्टी बनाएंगे।
बता दें कि रविवार को पार्टी की पटना में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा था कि पार्टी के सभी नेता पार्टी को राष्ट्रीय दल बनाने का संकल्प लें। इसके लिए चार राज्यों में पार्टी को मान्यता मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा था कि पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए सभी नेताओं को अन्य राज्यों में जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पडे तो वे भी जाएंगें।
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नीतीश के इस बयान के बाद जेडीयू अब अन्य राज्यों खासकर जिन राज्यों में में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, उन पर खास नजर रख रही है। जेडीयू ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश और मणिपुर विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। जेडीयू उत्तर प्रदेश में भी एनडीए के घटक दल के रुप में चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन अगर गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी तो अकेले भी मैदान में उतरने की तैयारी में है।
इस संबंध में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अयक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पांच राज्यों में होने वाले विाानसभा चुनाव को लेकर घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने तेवर दिखाते हुए कहा कि इन राज्यों में जेडीयू को अभी गठबंधन की चिंता किये बगैर तैयारी में जुट जाना चाहिए।
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गौरतलब है कि जेडीयू, बीजेपी और दो अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रही है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है और एनडीएस सरकार में भी बीजेपी सबसे अधिक सीट जीतकर 'बड़े भाई' की भूमिका में है। ऐसे में माना जा रहा है कि जेडीयू के इस मिशन का मकसद नीतीश कुमार की राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ाना है और उन्हें पीएम के उम्मीदवार के तौर पर पेश करना है, जैसी मांग जेडीयू के नेताओं द्वारा भी अकसर उठाई जाती है।
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