कर्नाटक चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी के भीतर की कलह खुलकर सामने आ गई है। बोम्मई सरकार के वरिष्ठ मंत्री वी सोमन्ना ने पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र पर दखलअंदाजी का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में पार्टी आलाकमान से मिलने वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं।
सोमन्ना ने कुछ समय से राज्य में पार्टी की गतिविधियों से भी दूरी बना रखी है। इससे पहले चामराजनगर के प्रभारी मंत्री सोमन्ना जिले में हुई बीजेपी की 'विजय संकल्प यात्रा' से अनुपस्थित रहे थे, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भाग लिया था। उनके बेटे अरुण सोमन्ना ने उनका नाम लिए बिना सार्वजनिक मंच से विजयेंद्र पर हमला बोला था।
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दिल्ली दौरे के दौरान सोमन्ना के केंद्रीय खनन, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलने की संभावना है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि सोमन्ना पार्टी में अपनी स्थिति पर स्पष्टता लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। वह येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र के हस्तक्षेप को रोकने की मांग कर रहे हैं।
लिंगायत नेता येदियुरप्पा द्वारा बीजेपी में लाए गए सोमन्ना ने उस समय येदियुरप्पा का समर्थन नहीं किया था, जब उन्होंने कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) बनाने के लिए बीजेपी छोड़ दी थी और तब से दोनों नेता आपस में भिड़ते रहे हैं। सोमन्ना ने कहा, "सीधी बात आपको मुसीबत में डाल देगी। मैं यहां किसी के सामने गिड़गिड़ाने नहीं आया हूं। मुझे पता है कि उचित व्यवहार कैसे करना है और मैं आसानी से हंस नहीं सकता। मैंने सीधी राजनीति की है। मौजूदा हालात में यही कड़वी सच्चाई है।"
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सोमन्ना ने आगे कहा, "येदियुरप्पा बड़े नेता हैं। मैं उनके बारे में बात नहीं करूंगा। आप उनसे पूछें कि 15 साल पहले स्थिति कैसी थी? उन्हें यह भी देखना चाहिए कि पार्टी में कौन योगदान दे रहा है।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह विजयेंद्र की शिकायत करने नई दिल्ली पहुंचे हैं, सोमन्ना ने कहा, "विजयेंद्र सिर्फ येदियुरप्पा के बेटे हैं। मुझसे उनकी तुलना नहीं की जानी चाहिए, उनकी उम्र ही क्या है? उनकी उम्र के कई नेता मेरे साथ हैं। येदियुरप्पा ने मुझसे बात नहीं की है। अगर वह बात करना चाहते हैं, तो मैं उनके पास जाऊंगा। मैं येदियुरप्पा से नफरत नहीं करता हूं।"
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सूत्रों का यहां तक दावा है कि सोमन्ना कांग्रेस में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, क्योंकि बीजेपी उनके भविष्य के बारे में ठोस वादे नहीं कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने बीजेपी छोड़ने की शर्त पर उनके और उनके बेटे अरुण सोमन्ना के लिए प्रमुख पद की पेशकश की है। कांग्रेस सोच रही है कि अगर वह सोमन्ना को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब हो जाती है तो बेंगलुरु में कम से कम 10 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर सकती है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा ने कहा है कि वह सोमन्ना से बात करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि नाराजगी खत्म कर वह बीजेपी में बने रहें। लेकिन सोमन्ना का बयान आने के बाद से उन्होंने उनसे बात करने का अब तक कोई प्रयास नहीं किया है। इस बीच पार्टी के सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले सोमन्ना का जाना चुनाव में भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
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