कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज कांगड़ा से हिमाचल के मर्म को छू लिया। देवभूमि की जनता का दर्द साझा किया और दवा भी बताई। बेरोजगारी, महंगाई और केंद्र की अग्निवीर योजना समेत जनता की हर उस मुश्किल पर बात की, जिनसे लोग जूझ रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हिमाचल के भावनात्मक रिश्ते की भी याद दिलाई। हिमाचल के लोगों के गौरवशाली अतीत को लेकर भी उन्हें झकझोरा।
हिमाचल प्रदेश की सत्ता की चाभी रखने वाले प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के नगरोटा बगवां में प्रियंका गांधी की रैली में आज हर वह रंग दिखा, जिसमें चुनावी संकेत छिपे थे। मैदान खचाखच भरा था। यहां तक कि लोग छतों तक पर बैठे थे। एक तरफ जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और गृह मंत्री अमित शाह की रैली में कुर्सियां खाली दिख रही हों, तो जाहिर सी बात है कि यह भीड़ अपने आप में कुछ संदेश दे रही थी।
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प्रियंका गांधी ने भी बेहद नपे तुले शब्दों में हिमाचल की नब्ज पकड़ी। अपने भाषण की शुरुआत प्रिंयका ने शक्ति पीठ ज्वाला जी, चामुंडा और मां चिंतपूर्णी को नमन के साथ की। इसके साथ ही प्रियंका ने कहा कि यह देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। आपकी रंगों में शहीदों का खून है। आप में वह जज्बा है। खुद को इससे जोड़ते हुए कहा कि मैं भी शहीद की बेटी हूं। लिहाजा, मैं इस जज्बे को समझती हूं।
इसके साथ ही प्रियंका ने हिमाचल के तकरीबन हर परिवार को छूने वाली केंद्र की अग्निवीर योजना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अग्निवीर स्कीम लाकर सेना को ठेके पर दिया जा रहा है। प्रियंका ने कहा कि पहले औसतन 4 हजार युवा सेना में जाते थे। अब महज 4 या 5 सौ ही जा पाएंगे। यदि केंद्र में हमारी सरकार आती है तो हम अग्निवीर योजना को खत्म करेंगे। प्रियंका ने वन रैंक वन पेंशन पर बात की, जिसे आज तक नहीं दिया गया। इसके साथ ही प्रियंका ने प्रदेश के बड़े तबके के दर्द को साझा किया। यह तथ्य है कि हिमाचल में सबसे ज्यादा युवा सेना में जाते हैं। ग्रामीण हिमाचल के करीब हर परिवार के दिल को यह मुद्दा छूता है।
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प्रियंका ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हिमाचल के रिश्ते को याद किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी ने जब प्रदेश बनाने का ऐलान किया तो पूरी दुनिया ने इस पर शक जताया। लेकिन यहां के लोगों ने इसे साबित किया। आपके जज्बे को समझ कर इंदिरा गांधी ने इस प्रदेश को बनाया। इसीलिए आपको वाईएस परमार और वीरभद्र सिंह जैसे नेता मिले।
प्रदेश की बीजेपी सरकार का पिछले पांच साल का बही खाता खंगालते हुए प्रियंका ने लोगों से सवाल किया कि इस दौरान आपकी क्या तरक्की हुई। इस दौरान कितने लोगों को रोजगार मिला। छोटे दुकानदार, किसानों को क्या मिला। सरकार ने तो जीएसटी लगा दिया। कांग्रेस ने तय किया है कि सरकार बनते ही आपको एक लाख रोजगार दिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां 3 साल में 5 लाख रोजगार दिए गए हैं। राजस्थान में रोजगार दिए गए हैं। प्रियंका ने कहा कि हिमाचल में 63 हजार पद खाली पड़े हैं।
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हिमाचल में कर्मचारियों के सबसे बड़े मुद्दे ओल्ड पेंशन की मांग पर प्रियंका ने कहा कि हम यहां पुरानी पेंशन देंगे। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हमने यह किया है। बीजेपी कहती है कि हमारे पास पैसे नहीं हैं। उद्योगपतियों के लाखों करोड़ माफ कर दिए और कर्मचारियों के लिए पैसे नहीं हैं। प्रियंका ने हिमाचल के लोगों को बेहाल करने वाले महंगाई के मुद्दे को भी छुआ। 5 हजार करोड़ की आर्थिकी और 12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार देने वाली सेब बागवानी को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे सेब बागवानों के दर्द पर भी मरहम लगाते हुए हुए प्रियंका ने कहा कि सेब पर भी इन्होंने जीएसटी बढ़ा दी।
हिमाचल में बड़ा मुद्दा बने पुलिस और शिक्षक भर्ती घोटाले की प्रियंका ने बात की। प्रियंका ने कहा कि सरकार बनने पर हम पहली बैठक में ओपीएस देंगे। 1 लाख रोजगार देंगे। 63 हजार खाली पद भरेंगे और 5 साल में 5 लाख रोजगार देने की कोशिश करेंगे। महिलाओं को प्रत्येक महीने हर घर लक्ष्मी योजना के तहत 1500 रुपये दिए जाएंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 4 इंगलिश मीडियम पाठशालाएं खोली जाएंगी। भूतपूर्व सैनिक कोटे के खाली पद भरे जाएंगे।
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प्रियंका गांधी ने कहा कि जब कोई कुछ करना चाहता तो वह करके दिखाता है। इनकी नीयत ही ठीक नहीं है। इन्होंने तो हिमाचल को 70 हजार करोड़ के कर्ज में डुबो दिया है। हिमाचल प्रदेश में अभूतपूर्व बगावत का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी की कमजोर नस पर प्रहार करते हुए प्रियंका ने कहा कि बीजेपी के नेता तो बागियों को ही नहीं संभाल पा रहे हैं। इसकी वजह भी बताते हुए प्रियंका ने कहा कि यह इसलिए है क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आ रही है।
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