जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश कुमार से मनमुटाव की सारी अटकलों को खारिज करते हुए रविवार को अपने इस्तीफे के पीछे की कहानी बयान करते हुए कहा कि नीतीश से अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए उन्हें उनसे बहस और लड़ाई करनी पड़ी थी, जो उनके इस्तीफे के फैसले को स्वीकार नहीं कर रहे थे।
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ललन सिंह ने अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मुंगेर में रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "सीएम नीतीश कुमार मेरे फैसले से सहमत नहीं थे। मैंने उनसे मेरा इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया और कहा कि मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में काम करना है। पार्टी अध्यक्ष के कार्यभार के कारण, मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय देने में असमर्थ हूं। यदि मैं लगातार वहां नहीं रहूंगा तो मेरा चुनाव अभियान प्रभावित होगा। तब वह सहमत हुए और मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया।''
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ललन सिंह ने इस दौरान बताया कि इससे पहले उन्होंने मुझसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था। मैं इसके लिए तैयार नहीं था। तब नीतीश जी ने मुझसे कहा कि यदि आप नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, तो मैं आपके किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा।
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इस दौरान ललन सिंह ने एक और पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 में भी मैंने उनसे अनुरोध किया था कि मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने दें क्योंकि मैं अपने गृह क्षेत्र को समय नहीं दे पा रहा हूं। तब उन्होंने कहा था कि अगर मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया तो वह दीवार पर मेरा सिर पटक देंगे।
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