लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद चंद्रबाबू नायडू को एक और बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा में तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के चार सदस्यों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन चार सदस्यों ने अपना एक अलग गुट बना लिया है और इस तरह संसद के उच्च सदन में पार्टी टूट की कगार पर पहुंच गई है।
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जिन चार राज्यसभा सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दिया उसमें वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश, सीएम रमेश और जी मोहन राव शामिल हैं। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चारों सांसदों को पार्टी की सदस्यता दिलाई। फिलहाल चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टी बिता रहे हैं।
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इन चारों सदस्यों पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा। क्योंकि 6 में से चार सदस्य टीडीपी से अलग हो गए हैं। दलबदल कानून के तहत दो तिहाई की संख्या होने पर यह कानून मान्य नहीं होता। टीडीपी से अलग गुट बनाने वाले सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत करा दिया है।
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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली टीडीपी के राज्यसभा में छह सदस्य हैं और दलबदल विरोधी कानून के मुतबिक किसी दल से अलग हुये नए गुट को तभी मान्यता मिलेगी जबकि उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों। राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है। उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन टीडीपी के चार सदस्यों के जुड़ने से राहत मिलेगी। बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के पास राज्यसभा में फिलहाल बहुमत नहीं है।
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