राजनीति

बिहार में BJP-JDU ‘बाहरी नेताओं’ के सहारे सरकार मजबूत करने में जुटी, दूसरे दलों पर गड़ी नजर

सूत्रों का कहना है कि पूर्व में बीजेपी की नजर उन इलाकों में कम होती थी, जिन इलाकों में उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू की मजबूत पकड़ होती थी, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में एनडीए में सबसे अधिक सीट प्राप्त करने के बाद बीजेपी की नजर अब पूरे राज्य पर है।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
फाइल फोटोः सोशल मीडिया 

आमतौर पर चुनाव के दौरान नेताओं का दलबदल देखने को मिलता है, लेकिन बिहार में चुनाव गुजरने के दो महीने बाद भी दलबदल का सिलसिला जारी है। जेडीयू ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एकमात्र विधायक जमां खां को पार्टी की सदस्यता दिलाई, तो बीजेपी ने बुधवार को मिलन समारोह का आयोजन कर आरजेडी सहित विभिन्न दलों के 21 नेताओं को पार्टी में शामिल करवा लिया।

Published: undefined

इसके अलावा एनडीए में शामिल दोनों दल बीजेपी और जेडीयू अपने-अपने सांगठनिक ढांचे में बदलाव कर भी संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। हाल ही में जेडीयू ने संगठन में बदलाव करते हुए कई जिलों के अध्यक्षों का बदलाव किया तो उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी ने भी जिलों में प्रभारी नियुक्त कर दिए। सूत्रों का कहना है कि पूर्व में बीजेपी की नजर उन इलाकों में कम होती थी, जिन इलाकों में उनकी सहयोगी पार्टी जेडीयू की मजबूत पकड़ होती थी, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में एनडीए में सबसे अधिक सीट प्राप्त करने के बाद बीजेपी की नजर अब पूरे राज्य पर है।

Published: undefined

इसे देखते हुए ही विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए आर सी पी सिंह को अध्यक्ष बनाकर संकेत दे दिया था कि पार्टी संगठन में आमूलचूल परिवर्तन कर संगठन को मजबूत बनाएगी। इसके बाद पार्टी ने कई जिला अध्यक्षों को भी बदल दिया। इसके अलावा विधानसभा में अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर गंभीर जेडीयू ने बीएसपी के बिहार में एकमात्र विधायक जमा खां को पार्टी में शामिल कर लिया।

Published: undefined

इसके बाद बीजेपी में भी बुधवार को प्रदेश कार्यालय में मिलन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें आरजेडी के पूर्व सांसद सीताराम यादव, पूर्व विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव सहित विभिन्न दलों के करीब 21 नेताओं ने बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

गौरतलब है कि पूर्व में ही विभिन्न दलों के नेताओं ने खरमास महीने के गुजर जाने के बाद नेताओं के टूटने का दावा किया था। 14 जनवरी के बाद इसकी शुरूआत जेडीयू ने कर दी। हालांकि, आरजेडी को यह दलबदल रास नहीं आ रहा है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि बीजेपी और जेडीयू के पास 'अपना' नेता नहीं है।

Published: undefined

मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "ये दोनों दल 'आयातित और एक्सपायरी नेताओं' के जरिए पार्टी चलाने के जुगाड़ में हैं, यह बिहार क्या चलाएंगें।" उन्होंने बीजेपी और जेडीयू को 'बटोरन पार्टी' बताते हुए कहा कि यह अन्य दलों के नेताओं को बटोरकर राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे 'एक्सपायर' नेताओं के जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Published: undefined

बता दें कि आज के बीजेपी के मिलन समारोह में आरजेडी के पूर्व सांसद और लालू यादव के बेहद करीबी रहे सीताराम यादव, पूर्व विधान पार्षद दिलीप कुमार यादव, आरजेडी के पूर्व महासचिव संतोष मेहता, पूर्व उपाध्यक्ष रामजी मांझी सहित कई दलों के नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा। बीजेपी के महामंत्री और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा, "अगर आरजेडी, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता उन्हें छोड़कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि उनका अपने नेतृत्व की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है। उन्हें भरोसेमंद नेतृत्व चाहिए, जो बीजेपी देश को दे रही है। नीति, नीयत और नेतृत्व विहीन दलों से लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक है।"

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined