आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सभी पार्टियों पर जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने का दबाव है। लेकिन मौजूदा संसद में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी इसी को लेकर मुश्किल में है। दरअसल बीजेपी के कई सांसदों के प्रति क्षेत्र के लोगों में नाराजगी को देखते हुए उम्मीदवारों के नाम और उनकी सीट की घोषणा नहीं हो पा रही है।
इस बीच खबर है कि बीजेपी अपने कई मौजूदा सांसदों की सीट बदलने जा रही है। इन सांसदों में गृहमंत्री राजनाथ सिंह का नाम भी शामिल है। खबर है कि मौजूदा लोकसभा में लखनऊ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के स्थान पर गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं महेश शर्मा को राजस्थान के अलवर भेजे जाने की चर्चा है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद प्रियंका गांधी के आगमन से परेशान पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए मौजूदा सांसद को टिकट नहीं देने के अपने आजमाए फॉर्मूले को अपनाने की चर्चा है। इसकी वजह सांसदों को लेकर क्षेत्र के लोगों में नाराजगी बताई जा रही है। यह नाराजगी हाल में बीजेपी द्वारा आंतरिक स्तर पर कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आई है।
गौतम बुद्ध नगर के बारे में बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय आरएसएस इकाइयों द्वारा कराए गए शुरुआती सर्वेक्षण में यहां की ग्रामीण आबादी में पार्टी के प्रति गुस्सा था, जोकि क्षेत्र की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है। इस संसदीय क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर तो ग्रामीण इलाकों के विधानसभा क्षेत्र खुर्जा, सिंकदराबाद और जेवर आते हैं।
एक अनुमान के अनुसार, इस संसदीय क्षेत्र के 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख ग्रामीण इलाके से आते हैं। शहरी मतदाताओं की संख्या 7 लाख है। इन सब में मुस्लिम, गुज्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है। यहां के जातीय समीकरण की वजह से ही 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां की पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में मदद मिली थी। यहां से बीजेपी के तीन विधायक राजपूत हैं जिनमें राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह के नाम हैं।
इस संसदीय क्षेत्र का सामाजिक समीकरण हमेशा राजनाथ सिंह के पक्ष में रहा है। उन्हें 2009 लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा। 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने लखनऊ से उन्हें चुनाव लड़वाया, जिस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे।
वर्तमान सांसद महेश शर्मा ने 2014 में यहां से एसपी के नरेंद्र भाटी को 2,80,212 मतों के अंतर से हराया था। बीएसपी के सतीश कुमार को तीसरा स्थान मिला था। लेकिन पार्टी के सर्वेक्षण में यहां के ग्रामीण इलाकों में शर्मा के प्रति गुस्से की वजह से पार्टी उन्हें अलवर सीट से चुनाव लड़वाने की सोच रही है। उनका जन्म अलवर के मनेठी गांव में हुआ था।
वहीं बीजेपी के महंत चंद नाथ ने अलवर से 2014 लोकसभा चुनाव में भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के अंतर से हराया था। हालांकि महंत चंद नाथ का 2017 में कैंसर की वजह से निधन होने की वजह से यहां 2018 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को कांग्रेस के करण सिंह यादव के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा था।
राजस्थान बीजेपी के एक पदाधिकारी के अनुसार अलवर और अजमेर को छोड़कर 23 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में आंतरिक चर्चा हुई है। दोनों सीटों पर शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा।
वहीं एसपी और बीएसपी के बीच हुए गठबंधन में गौतम बुद्ध नगर की सीट बीएसपी के पास है, जहां से गठबंधन प्रभारी सतवीर नागर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी इस सीट के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अग्रवाल को 2014 में इस सीट से टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन अंतिम मौके पर पार्टी ने शर्मा को यहां से टिकट दे दिया।
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