राजनीति

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी ने बदली रणनीति, नीतीश को साधने की कोशिश या...

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत गर्म है। सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर अपनी रणनीति के तहत फूंक फूंक कर आगे बढ़ रही है। इस बीच, बीजेपी के नेताओं के बयानों से साफ लग रहा है कि बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत गर्म है। सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर अपनी रणनीति के तहत फूंक फूंक कर आगे बढ़ रही है। इस बीच, बीजेपी के नेताओं के बयानों से साफ लग रहा है कि बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। बताया जाता है कि सभी दल बीजेपी को इस मुद्दे को लेकर न केवल घेर रहे थे, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजदीकियां भी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव से बढ़ती नजर आ रही हैं।

Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी कभी नहीं चाहती है कि नीतीश किसी 'बहाने' को लेकर आरजेडी के नजदीक जाए। उल्लेखनीय है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना को लेकर पहले ही बता चुकी है कि जातीय जनगणना देश में करना फिलहाल संभव नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना करा सकती है।

Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST

इसके बाद बिहार में सभी दल इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरते नजर आए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को इस मामले को लेकर बुलाई जाने वाली सर्वदलीय बैठक के संबंध में बताया कि सभी दलों की सहमति नहीं मिल पाई है।

इधर, बीजेपी ने भी अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है। राज्यसभा सांसद और बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी कहते है कि बीजेपी कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही, इसलिए इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में बीजेपी भी शामिल रही।

Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST

जब इस मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया, तब उसमें बिहार से वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी शामिल हुए।
केंद्र सरकार ने सबकी राय पर सम्मानपूर्वक विचार करने के बाद व्यावहारिक कारणों से जातीय जनगणना कराने में असमर्थता प्रकट की है।

Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST

इधर, बीजेपी के प्रवक्ता और बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. निखिल आनंद कहते हैं कि हम जाति जनगणना के सीधे तौर पर या सख्ती से विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन समय सीमा, जटिलताएं और तैयारी भी महत्वपूर्ण हैं।

बहरहाल, सभी दल जातीय जनगणना को लेकर अपने अपने सियासी दांव चल रहे हैं, अब देखने वाली बात है कि आखिर यह जनगणना बिहार में हो पाती भी है या नहीं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST

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Published: 24 May 2022, 8:00 PM IST