महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे के थोड़ी देर बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। फडणवीस को सीएम पद की शपथ लेने के महज तीन दिन बाद ही पद से इस्तीफा देना पड़ा है। खास बात ये है कि महाराष्ट्र में पैदा हुए लोकतंत्र के संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ही फडणवीस सरकार को बुधवार शाम से पहले तक बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।
हालांकि फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चंद घंटों के बाद ही अपना इस्तीफा दे दिया। उनसे पहले कोर्ट के आदेश के फौरन बाद ही डिप्टी सीएम और पूरे घटनाक्रम के केंद्र में रहे अजित पवार ने अपना इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके पास बहुमत के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है। उन्होंने कहा कि अजित पवार स्थाई सरकार बनाने के लिए साथ आए थे, लेकिन जब बहुमत साबित करने की बात आई तो उन्होंने कहा कि वह गठबंधन जारी नहीं रख सकते और इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब हमारे पास बहुमत नहीं है।
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इसे साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने देवेंद्र फडणवीस ने जमकर शिवसेना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिवसेना उन वादों को लेकर अड़ गई थी, जो मने कभी नहीं किया था। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना-बीजेपी को बहुमत दिया था, लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अपना रुख बदल लिया। उन्होंने कहा कि हमने कभी ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले का वादा नहीं किया था, लेकिन नतीजों के बाद आई सीटें देख कर शिवसेना ने अपना रुख बदल लिया।
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गौरतलब है कि बीते हफ्ते शनिवार की अहले सुबह देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजित पवार ने सभी को चौंकाते हुए सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। ये घटना सभी को इसलिए चौंकाने वाली थी क्योंकि चुनाव नतीजों के बाद बदली परिस्थितियों में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच गठबंधन में सरकार बनाने को लेकर बातचीत अंतिम दौरे में थी और तीनों दलों के नेता शनिवार दिन में गठबंधन का ऐलान कर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले थे।
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लेकिन इससे पहले कि शनिवार की सुबह होती, केंद्र सरकार ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा दिया और उसके बाद उजाला होते ही राज्यपाल ने एक सादे समारोह में फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला दिया। दावा किया गया कि अजित पवार के साथ एनसीपी के ज्यादातर विधायक हैं। लेकिन शाम होते-होते साफ हो गया कि एनसीपी के सारे विधायक अपने नेता शरद पवार के नेतृत्व में एकजुट हैं। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से आज आदेश आने के बाद फडणवीस को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पडा।
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