बिहार से राज्यसभा नहीं भेजे जाने के बाद से जेडीयू में अलग-थलग पड़े केंद्रीय मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह सोमवार को मीडियाकर्मियों द्वारा नीतीश कुमार का हनुमान कहे जाने पर भड़क उठे। आरसीपी सिंह ने कहा कि वह किसी के हनुमान नहीं है, उनका नाम रामचंद्र है और उन्हें उनके ही नाम से संबोधित किया जाए।
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आरसीपी सिंह बिहार के जमुई जिले के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात की। एक मीडियाकर्मी ने जब उनसे सवाल किया कि आप नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। जैसे चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान कहे जाते हैं, ठीक वैसे ही आपको भी कहा जाता है। इस सवाल पर आरसीपी सिंह भड़क उठे और कहा कि वह किसी के हनुमान नहीं है, उनका नाम रामचंद्र है और उन्हें उनके ही नाम से संबोधित किया जाए।
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गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि आरसीपी सिंह उनकी दूसरी कमान थे। उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भी पदोन्नत किया गया था। लेकिन मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में जेडीयू कोटे से सिर्फ अपने लिए मंत्री पद लेने के बाद से उनके और नीतीश कुमार के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।
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केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी के राजनीतिक हितों को दरकिनार करने के कारण इस बार उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया है। राज्यसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद, वह या तो केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे या प्रधानमंत्री के आह्वान की प्रतीक्षा करेंगे।
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