राजनीति

बिहार चुनाव: इस बार न दिखेगा लालू का ठेठ अंदाज, न सुनाई देगी पासवान की सधी आवाज

एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान और आरजेडी के उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के कारण उन दोनों की दमदार आवाज इस बार चुनाव में नहीं सुनाई देगी। बिहार के इस चुनाव में समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के भी पहुंचने की संभावना कम है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

कोरोना काल में बिहार में हो रहा बार का विधानसभा चुनाव ऐसे तो कई मामलों में अलग है, लेकिन यह चुनाव इस मामले में भी खास हो गया है कि इस बार चुनाव प्रचार में न तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का ठेठ मजाकिया अंदाज दिखाई देगा और न ही एलजेपी के रामविलास पासवान की सधी हुई आवाज ही सुनाई देगी। साथ ही आरजेडी के स्टार प्रचारकों में खास गंवई अंदाज में वोट मांगने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह भी इस बार मतदाताओं को नहीं लुभाएंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के लिए करीब सभी प्रमुख दलों ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। वैसे कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बडी रैलियों पर रोक लगाई गई है, फिर भी छोटी रैलियों की मंजूरी दी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि क्षेत्रीय दलों का पूरा जोर छोटी रैलियों पर हेागा।

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ऐसे में आरजेडी के स्टार प्रचारकों की सूची में पहले नंबर पर रहने वाले और अपनी भाषण शैली के जरिए मतदाताओं का रूख मोड़ देने की प्रतिभा वाले लालू प्रसाद इस चुनाव में प्रचार करते नजर नहीं आएंगें। चारा घोटाले के मामले में लालू प्रसाद इन दिनों रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। लालू हालांकि स्वास्थ्य कारणों से अभी रांची रिम्स में भर्ती हैं, लेकिन बिना अदालत के आदेश के वे चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

इस बार लालू यादव की अनुपस्थिति आरजेडी नेताओं को भी खल रही है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते भी हैं कि लालू प्रसाद बिहार के ही नहीं देश के स्टार प्रचारकों में सबसे आगे हैं। उन पर मतदाताओं को विश्वास है। चुनाव में लालू प्रसाद और रघुवंश प्रसाद की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले चुनाव में लालू ने 170 से अधिक और रघुवंश बाबू ने 100 से अधिक रैलियां और रोडशो किए थे।

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इधर, एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान और आरजेडी के उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन हो गया है, यही कारण है कि उनकी दमदार आवाज भी इस चुनाव में नहीं सुनाई देगी। बिहार के इस चुनाव में समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के भी पहुंचने की संभावना कम है। सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य कारणों से वे भी इस चुनाव में प्रचार करने शायद ही नजर आएं।

वैसे, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से वे कम ही रैलियों में शामिल होंगे। पार्टी के नेता हालांकि, कहते हैं कि वर्चुअल रूप से वे लोगों को संबोधित करते नजर आएंगे। जेडीयू के स्टार प्रचारकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले नंबर पर होंगे।

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बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी। पहले चरण में 28 नवंबर को 71 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और आखिरी चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा। इस चुनाव में आरजेडी जहां कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मैदान में है, वहीं बीजेपी और जेडीयू सहित चार दल मिलकर ताल ठोंक रहे हैं।

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