राजनीति

मोदी को क्लीनचिट देने का विरोध करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा बोले- ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ती है

लोकसभा चुनाव के दौरान आचारसंहिता उल्लंघन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह को क्लीनचिट दिए जाने का विरोध करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को लगता है कि उन्हें ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

लोकसभा चुनाव के दौरान आचारसंहिता उल्लंघन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह को क्लीनचिट दिए जाने का विरोध करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को लगता है कि उन्हें ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ रही है। अशोक लवासा ने एक लेख के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। लवासा का कहना है कि उन्हें ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ रही है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने एक लेख में उन्होंने लिखा है कि जीवन में हर चीज के लिए ईमानदारी की एक कीमत होती है। भले उस ईमानदारी की कीमत सीधे तौर पर या किसी तरह की क्षति के जरिए चुकानी पड़ती हो लेकिन ईमानदार कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

Published: undefined

अशोक लवासा ने लिखा है कि हम जिनका विरोध ईमानदारी और विनम्रतापूर्वक करते हैं, उन लोगों से किसी तरह की उम्मीद करना नासमझी है। चुनाव आयुक्त का मानना है कि अक्सर ईमानदार लोगों को उनकी ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ती है। उन्हें ये कीमत अकेले ही चुकानी पड़ती है। इतना ही नहीं कई दफा ईमानदार लोगों को अलग-थलग रहने को भी मजबूर होना पड़ता है।

Published: undefined

लवासा ने लिखा है कि यदि कोई लोक सेवक सार्वजनिक हित से समझौता किए बिना किसी व्यक्ति की वास्तविक चिंताओं को समायोजित करने का फैसला लेता है, तो इसे बेईमानी नहीं कहा जा सकता है। ऐसी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के लिए हस्तक्षेप को भी पक्ष में नहीं माना जा सकता है। उन्होंने लिखा है कि वरिष्ठ स्तर पर विवेक का इस्तेमाल आवश्यक हो जाता है क्योंकि कभी-कभी नियमों की व्याख्या के माध्यम से लोगों को उकसाना असंभव हो जाता है और ऐसे में हठी होकर निपटना पड़ता है।

Published: undefined

लवासा ने अपने लेख में आगे लिखा है कि एक ईमानदार व्यक्ति का सच्चा होना अनिवार्य है। ऐसा व्यक्ति अपना हर कार्रवाई अपने अंतरआत्मा की आवाज के आधार पर करता है। उसके जरिए ही वह सही और गलत के बीच का फर्क पहचान पाता है। यह आमतौर पर प्रचलित कानून, उसके विधान और नैतिकता से प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके शायद ही कभी परिणामों के प्रति सचेत विश्लेषण होता है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी को कुछ लोग मूर्खता, अकर्मण्यता या अशांति कहते हैं लेकिन यही सफल सिविल सेवकों का “कवच” है।

Published: undefined

बता दें कि लवासा और उनका परिवार लोकसभा चुनाव के बाद से अक्सर सुर्खियां में रहा है। जब चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग द्वारा आचारसंहिता उल्लंघन के मामले में पीेम मोदी और अमित शाह को क्लीनचिट देने का फैसला किया तो लवासा ने उसका विरोध किया था। इसके बाद से वो और उनका परिवार सुर्खियों में रहता है। 1980 बैच के आईएएस अधिकारी, लवासा साथी चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ पोल पैनल में काम कर रहे थे। लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में हैं जब अरोड़ा 2021 में सेवानिवृत्त होंगे।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया