अशोक गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। उनके ताजा कार्यकाल के पिछले दो साल काफी चुनौती भरे रहे हैं, खास तौर से इसलिए भी कि केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने उनकी सरकार को अस्थिर करने के सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन गहलोत ने न सिर्फ उन सबको विफल कर दिया बल्कि देश को राह भी दिखाई।
इस साल जब कोविड -19 फैला तो गहलोत सरकार ने लॉकडाउन का फैसला सबसे पहले लिया। देश भर में लॉकडाउन लगाने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाद में लिया। कोविड- नियंत्रण से संबंधित गहलोत के फैसले और सही ढंग से उनके अनुपालन की वजह से ही देश भर में भीलवाड़ा मॉडल की व्यापक चर्चा हुई। राज्य सरकार ने शुरू से ही कोविड पीड़ितों के निजि अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जबकि अन्य कई राज्यों में ऐसी कारगर व्यवस्था संभवतः अब तक नहीं हो पाई है।
Published: undefined
इस वक्त लगभग पूरे देश में ही उद्योगों का हाल खराब है और निवेश की कोई बात नहीं कर रहा है। ऐसे समय में भी जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, जालोर और बाड़मेर में अगले पांच साल में सोलर पार्कों को विकसित करने के लिए अडानी समूह ने 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का राज्य सरकार से करार किया है। इसी तरह, औद्योगिक इकाइयों को सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन (रीको) की निवेश इकाई ने औद्योगिक प्लॉट बेचे हैं। इसने राज्य में 17 नए औद्योगिक जोन लॉन्च किए हैं जो एक रिकॉर्ड है।
Published: undefined
इसी प्रकार, पूरे देश में रीयल एस्टेट का हाल बेहाल है। लेकिन अपना स्वर्ण जयंती वर्षगांठ मना रहे राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने पिछले अक्तूबर तक 65 नगरों तथा छोटे और बड़े शहरों में पहुंच बनाकर न सिर्फ 2,49,187 मकान बनाए बल्कि इनमें से 2,45,864 मकानों का आवंटन हो गया और 2,31,570 का कब्जा दे दि या गया। इनमें से 60 प्रतिशत आवास आर्थिक तौर पर कमजोर या कम आय वाले वर्गों के लिए है। मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछले अगस्त में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बोर्ड की 25 नई योजनाओं की आधारशिला भी रखी है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined