एनसीपी के शरद पवार गुट ने अलग हुए धड़े एनसीपी (अजित पवार) पर विवाद में जीत का दावा करने और आदेशों का उल्लंघन कर चुनाव आयोग पर विभाजित पार्टी के लिए एनससीपी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। शरद पवार की एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी एनसीपी (अजित पवार) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे सार्वजनिक रूप से पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न टेबल घड़ी पर दावा करते हुए चुनाव आयोग के समक्ष अपनी याचिका में 'जीत' की घोषणा करते हुए बयान दे रहे हैं।
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जितेंद्र अव्हाड ने कहा, “यह 29 नवंबर को चुनाव आयोग के स्पष्ट आदेशों का सीधा उल्लंघन है, जिसने एनसीपी (एपी) गुट को फटकार लगाई थी और निर्देश दिया था कि वह आयोग के फैसले को मानें और कोई भी ऐसा दावा करने से बचें जो न्याय की प्रक्रिया को कमजोर कर सकता है।हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि एनसीपी (एपी) गुट संविधान और इसके तहत स्थापित संस्थानों के लिए लगातार अनादर दिखाता है, चाहे दलबदल के जरिए हो या अपमानजनक टिप्पणियां करके।
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अव्हाड ने यह भी कहा कि उनके गुट ने इन खामियों को फिर से ईसीआई के ध्यान में लाया है और मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे पर ईसीआई के समक्ष बहस पूरी हो चुकी है। ईसीआई ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो कभी भी आने की उम्मीद है। हालांकि, जो लोग अजित पवार गुट के साथ हैं, वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें एनसीपी का नाम और घड़ी चुनाव चिह्न मिलेगा। यह ईसीआई पर दबाव बनाने जैसा है।''
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उन्होंने याद दिलाया कि ईसीआई एक स्वतंत्र निकाय है और उसने दोनों (प्रतिद्वंद्वी) पक्षों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि वे सुनवाई के दौरान ऐसी कोई टिप्पणी न करें। अव्हाड ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अजित पवार समूह के एनसीपी (एपी) विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना भी बीजेपी के टिकट पर आगामी चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होगी।
वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल करने के लिए शीर्ष स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे इस पर वीबीए प्रमुख प्रकाश अंबेडकर के साथ चर्चा करेंगे।
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