कृषि विधेयक का रविवार को जोरदार विरोध करने वाले विपक्ष के आठ सदस्यों को राज्यसभा के सभापति द्वारा निलंबित किए जाने पर सोमवार को विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। सदन के शुरू होते ही लगातार विपक्ष के हंगामा करने की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करना पड़ी और आखिरकार सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। जिसके बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतीमा के सामने धरने पर बैठ गए हैं।
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सबसे पहले उच्च सदन को सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित हुए विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया और नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण इसे सुबह 10.36 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष द्वारा कार्यवाही में बाधा डालना जारी रहा, जिसके कारण फिर इसे पूर्वाह्न 11.07 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। जब राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष का हंगामा नहीं थमा और एक बार फिर अपराह्न 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया।
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इसके बाद अपराह्न 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहने पर इसे मंगलवार सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे आसन पर मौजूद भुवनेश्वर कलिता ने निंलबित सांसदों से बार-बार सदन से बाहर जाने का आग्रह किया, लेकिन सांसदों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया।
इससे पहले सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विपक्ष के आठ सांसदों को निलंबित कर दिया। ये सासंद तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, सीपीएम और आम आदमी पार्टी के हैं। इन सबी पर रविवार को संसद में हंगामा करने और राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप है।
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विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई के प्रस्ताव को संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आगे बढ़ाया और सदन ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और के.के. रागेश और माकपा के ई. करीम को निलंबित कर दिया। राज्यसभा में इस प्रस्ताव को मंजूर किए जाने के बाद सदस्यों ने नारेबाजी की।
इससे पहले, सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है और 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'निंदनीय' है। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
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गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयकों बिना वोटिंग के पास कराने को लेकर विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया था। इस दौरान तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने उपसभापति के सामने संसद की नियम पुस्तिका फाड़ डाली, जबकि कांग्रस के राजीव सातव और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सदन में विरोध करने के लिए टेबल पर ही चढ़ गए थे।
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