राज्यसभा ने 11 अगस्त को संसद के मानसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने वाले 12 सांसदों को सोमवार को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना से हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित किया गया है। अब ये 12 सांसद संपूर्ण सत्र के दौरान सदन नहीं आ पाएंगे।
Published: undefined
उन्होंने जिन सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की है, उनमें अकेले कांग्रेस के छह सांसद शामिल हैं। इनमें सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा और राजमणि पटेल शामिल हैं।
कांग्रेस के इन सांसदों के अलावा शिवसेना की प्रियंका चतुवेर्दी और अनिल देसाई, माकपा के एलमरम करीम, सीपीआई के विनय विश्वम, टीएमसी के शांता छेत्री और डोला सेन को भी राज्यसभा की कार्रवाई से पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
Published: undefined
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने के कदम को लोकतंत्र विरोधी बताया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है। उन्होंने कहा कि डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है। सरकार ने आज 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है।
Published: undefined
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की केवल ये मानसिकता है कि विपक्ष के ऊपर किसी तरह से वार करो और इनको मालूम है कि अगर वो इस तरह निलंबित करेंगे तो निश्चित रूप से विपक्ष इसका विरोध करेगी और फिर सदन नहीं चलेगा। वो यही चाहते हैं कि सदन न चले।
Published: undefined
सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में सदस्यों का निलंबन विपक्षी सदस्यों और सरकार के बीच एक नया फ्लैश प्वाइंट हो सकता है। सुबह राज्यसभा के सभापति ने संकेत दिया कि वह पिछले सत्र में सदन के मामलों से नाखुश हैं।
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले मानसून सत्र के दौरान कुछ सदस्यों के व्यवधान और अनियंत्रित आचरण ने सभी को परेशान किया है। उन्होंने सदस्यों से इससे सही सबक लेने का आग्रह किया।
Published: undefined
नायडू ने पिछले मानसून सत्र के समापन क्षणों के दौरान हुई घटनाओं का उल्लेख किया।
पिछले चार वर्षों में उनकी अध्यक्षता में पिछले 11 सत्रों के दौरान देखे गए उतार-चढ़ाव का उल्लेख करते हुए, राज्यसभा के सभापति ने सदस्यों से सदन में लोकतांत्रिक और संसदीय मयार्दा बनाने का आग्रह किया, ताकि सभी मुद्दों को उठाया जा सके।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined