जवाहरलाल नेहरू न सिर्फ कमाल के वक्ता थे, बल्कि उनके विचारों की पूरी दुनिया काफी कद्र करती थी। उनके भाषणों को काफी ध्यान और गंभीरता से सुना जाता था। भारत की आजादी की घोषणा के वक्त ट्राइस्ट विथ डेस्टिनी नाम से चर्चित उनके अद्भुत भाषण को कौन भूल सकता है।
लेकिन समय-समय पर नेहरू ने कुछ ऐसी बातें कहीं, जो इतिहास में दर्ज में हो गईं।
लोकतंत्र की खूबी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था, “लोकतंत्र सबसे अच्छा है क्योंकि बाकी सारी व्यव्स्थाएं बुरी हैं।”
देश के प्रति नागरिकों की जिम्मेदारी को लेकर कहे गए उनके इस वाक्य से कोई भी देशभक्त तर्क नहीं कर सकता। उन्होंने कहा था, “हमारी नागरिकता देश की सेवा में ही निहित है।”
असफलता को लेकर नेहरू की राय थी, “जब हम अपने उद्देश्य, आदर्श और सिद्धांतों को भूल जाते हैं, असफलता तभी मिलती है।”
दुनिया में युद्ध और शांति को लेकर हमेशा बहसें चलती रही हैं। उसमें नेहरू का कथन काफी सटीक है, “हर हमलावर देश में यह दावा करने की आदत होती है कि यह कार्य वह अपनी रक्षा के लिए कर रहा है।”
आज से जमाने में सरकारें झूठ का व्यापार कर रही हैं। कहीं उसे वैकल्पिक तथ्य कहा जा रहा है तो कहीं फर्जी खबरों को मान्यता मिल रही है। ऐसे में नेहरू के इस अमर वाक्य को याद करने की जरूरत है, “तथ्य, तथ्य होते हैं और आपकी पसंद के हिसाब से वे गायब नहीं हो जाएंगे।”
आत्म-मुग्ध नेताओं के इस दौर में नेहरू का यह कथन भी काफी प्रासंगिक है, “वह व्यक्ति जो अधिकतर अपने गुणों की बखान करता है, प्राय: बहुत ही कम गुणवान होता है।”
बदलाव और अज्ञानता के रिश्ते की व्याख्या उन्होंने यह कहकर की थी, “अज्ञानता हमेशा बदलाव से डरती है।”
नेहरू की इन बातों का आज के समय में भी महत्व बना हुआ है। जरूरत बस इस बात की है कि उन्हें ध्यान से पढ़ा-सुना जाए।
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