34 साल के युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी को भारतीय कांग्रेस समिति के अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमैन बनाया गया है। वो जौनपुर के पूर्व विधायक नदीम जावेद की जगह लेंगे। इमरान प्रतापगढ़ी ने सिर्फ 2 साल के राजनीतिक कैरियर में यह उपलब्धि हासिल की है। इमरान प्रतापगढ़ी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आमद की आहट के बीच उनकी इस नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 'नवजीवन ' के साथ विशेष बातचीत में इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा है कि वो इस बड़ी जिम्मेदारी का पूरी मेहनत से निर्वाहन करेंगे और पूरी जीवन कांग्रेस को मजबूती देने का काम करेंगे।
Published: undefined
सवाल- आपको शुभकामनाएं, यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, सिर्फ 2 साल के राजनीतिक कैरियर में यह कामयाबी अप्रत्याशित है?
इमरान प्रतापगढ़ी - जी हां, अभी मैं 34 साल का हूं, मेरे नेता और कांग्रेस पार्टी ने मुझे इस लायक समझा है, मैं उनका शुक्रगुजार हूं। मैं समझता हूं मणिपुर से लेकर कश्मीर तक मैं अल्पसंख्यक समुदाय के बीच जाकर उन्हें कांग्रेस के देश और संविधान के प्रति समर्पण को बताउंगा। यह एक बड़ी चुनौती है, मैं मगर पूरा दमखम लगा दूंगा। आपको पहले दिन से ही सुखद अहसास होगा। इस समय महामारी का संकट है और हमारी प्राथमिकता आम लोगों की सहायता करने की है। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी देश और संविधान सच्ची रक्षक है और मैं खुद पर पार्टी के दिखाए गए भरोसे का शुक्रगुजार हूं।
Published: undefined
सवाल- अब आप पूरी तरह शायर से राजनीतिक व्यक्तित्व की बदल गए हैं। राजनीति थोड़ा अधिक चुनोतियाँ के साथ आती है?
इमरान प्रतापगढ़ी- लबों-रुखसार की शायरी तो मैंने कल भी नही की। आपने देखा होगा, मैं शायरी के माध्यम से हमेशा मजलूमों की आवाज़ उठाता था। देश भर जहां कहीं भी अत्याचार हुआ, मैंने शायरी और कविता के माध्यम से उनकी भावनाओं को व्यक्त किया। खासकर मॉब लिंचिंग की दुखद घटनाओं पर आपने मुझे अखलाक ,जुनैद और पहलू खान सबके साथ खड़ा पाया। मैं कहता हूं कि लिंचिंग के खिलाफ हमारे पुरजोर तरीके से आवाज उठाने के बाद सत्ताधारियों पर दबाव बना। यह सही है कि मैंने 2 साल पहले औपचारिक रूप से मुरादाबाद से चुनाव लड़कर राजनीतिक कैरियर के आगाज़ जरूर किया, मगर मैं समझता हूं कि मेरा अन्याय के विरुद्ध संघर्ष बहुत पहले से ही चल रहा था।
सवाल- तो शायरी के माध्यम से लोगों को जगाने का काम तो आप बखूबी कर ही रहे थे फिर सियासत के आंचल की जरूरत क्योंकर पड़ गई ?
इमरान प्रतापगढ़ी- जिन लोगों ने भी मेरी रचनाएं सुनी है वो यह समझते हैं कि मेरे अंदर एक दर्द है। यह दर्द जाहिर होता है। मैं आपसे सच बताता हूं कि कई बार मेरी आँख से आंसू बह जाते हैं। कई बार मैं इन्हें लिखते हुए अकेले में रोया हूं। मुझे तकलीफ होती है, मैं मजलूमों की मदद करना चाहता हूं। एक शायर की हैसियत से मैं जो कर सकता हूं वो मैंने व्यक्तिगत तौर पर किया है, लेकिन मैं समझता हूं बड़े स्तर पर इसके लिए सिस्टम में बदलाव की जरूरत होती है। सरकार की जरूरत होती है। भारत में इस समय जो सरकार है वो नफरत को बढ़ावा देती है। उसने देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को छिन्न भिन्न कर दिया है। मेरा यकीन है कि सिर्फ कांग्रेस ही देश और संविधान को बचा सकती है। मेरी देश और उसकी जनता के प्रति जिम्मेदारी है और मैं अपनी तरफ से देश के लिए पूरी तरह समर्पित रहूंगा।
Published: undefined
सवाल- कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है और आपका अनुभव कम। इसके अलावा आपकी कोई राजनीतिक विरासत भी नही है । खासकर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक समुदाय कांग्रेस से दूर हुआ है, कैसे करेंगे?
इमरान प्रतापगढ़ी- नेतृत्व का मुझ पर भरोसा और मेरी नेक नियत मदद करेगी। मैं लगातार काम करूंगा। पूरे देश मे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से मुलाक़ात करूंगा। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और आम आदमी सबके संपर्क में रहूंगा। विश्वास बहाली का काम करेंगे। उत्तर प्रदेश मेरा राज्य है, मैं पूरी तरह यहां से वाकिफ हूं। सबको साथ लेकर चलेंगे। मैं निश्चित तौर पर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं आराम करने नही आया हूं। मैं पूरा दम लगा दूंगा और अल्पसंख्यक समुदाय का पूरी तरह कांग्रेस में भरोसा कायम करने का काम करूंगा।
Published: undefined
सवाल- उत्तर प्रदेश में चुनाव की हालिया चुनौती बड़ी दिखती है, हाल में कई साम्प्रदायिक सौहार्द को प्रभावित करने वाली घटनाओं के बाद लगता है कि सत्ता आसीन दल की रणनीति कैसी रहने वाली है। आपके पास इस नफरती राजनीति का कोई जवाब है?
इमरान प्रतापगढ़ी- आप बाराबंकी में मस्जिद की शहादत, बुलंदशहर में अकील कुरैशी की मौत और उन्नाव में फ़ैसल की हत्या की ओर संकेत दे रहे हैं। मैं आपको यह बताता हूं कि बाराबंकी में मस्जिद शहादत के बाद वहां मुस्लिमों के साथ खड़े होने वाले सबसे पहले नेता हमारे प्रदेश के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू थे, इसी तरह उन्नाव में फ़ैसल की लड़ाई हमारी जिलाध्यक्ष आभा वाजपेई लड़ रही थीं। कांग्रेस की यही बात नफ़रत की राजनीति पर कड़ा प्रहार करती है। जब अजय कुमार पर अत्याचार होता है तो इमरान लड़ता है और जब इमरान पर ज्यादती होती है तो अजय उसके लिए लड़ता है, यही कांग्रेस की खूबी है। नफरत की सियासत करने वाले लोग इसी बात से डरते हैं। वो जानते हैं कि सिर्फ मोहब्बत ही नफरत को हरा सकती है और इसी मोहब्बत की बात कांग्रेस करती है। बीजेपी की सरकार इसी नफरत में फंसाकर तो मुख्य मुद्दे से भटकाती है। नफ़रत ख़त्म होगी तो लोग सवाल करेंगे। इसलिए वो समाज को बांटने का काम मुसलसल करते रहते हैं मगर हम मोहब्बत से जवाब देंगे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined