उत्तर प्रदेश महिला आयोग की पूर्व सदस्य और समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं एक नेत्री गुरुवार दोपहर चंद्रशेखर से मिलने पहुंचती हैं। चंद्रशेखर काफी थके हुए हैं। आंखों में सूजन है। उनके इर्द-गिर्द काले कपड़े पहने खड़े मजबूत कदकाठी के दो नौजवान को देखकर वो कहती हैं, “अरे यहां तो मेरी टीम के लोग हैं, ये मेरा पीएसओ था और आपका पीए मेरा पीए था।” चंद्रशेखर अपने होंठों को भींचते हुए अपने पीछे देखते हैं और कहते है, “यह पीएसओ नहीं, मेरा भाई है और वो पीए नहीं, मेरी बहन का बेटा है।” पीछे खड़े नौजवान की छाती चौड़ी हो जाती है और सामने वाले की आंखे गीली हो जाती हैं।
बुधवार रात डेढ़ बजे बमुश्किल कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर सोने वाले चंद्रशेखर सुबह 6 बजे से लगातार कार्यकताओं से घिरे हैं। इनमे महिलाएं भी हैं। बुजुर्ग भी हैं और बड़ी संख्या में नौजवान हैं। चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे हंसापुर के बड़े किसान 86 साल के जयकरण सिंह गुर्जर उनके सिर पर हाथ रखते हैं और कहते हैं ‘बेटा तुझमे हिम्मत बहुत है’।
चंद्रशेखर एक काले रंग का हुड पहने हैं। वो बताते हैं कि यह अमेरिका के उनके एक प्रशंसक ने उन्हें भेंट किया है। सुबह 8 बजे से उनके पास लगातार मीडिया के लोगों की आमद हो रही है। सभी उनसे उनकी आगामी योजना को लेकर कुछ न कुछ जानना चाहते हैं। मगर परिपक्व हो चुके चंद्रशेखर हर एक से बस यही कहते हैं जो संविधान का रक्षक है, हम उसके साथ हैं।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर मेरठ के आंनद हॉस्पिटल के कमरा नंबर 213 में हैं। बहुजन हुंकार रैली निकाल रहे चंद्रशेखर को मेरठ में तबियत बिगड़ने के बाद भर्ती कराया गया था।डॉक्टर आदित्य के मुताबिक उनका खून बहुत गाढ़ा है और उन्हें हर महीने डोनेट करने की सलाह है।यही कारण है कि ऐसा समय पर न होने के कारण उनका ब्लडप्रेशर बहुत बढ़ जाता है।
उनके बेड के सामने बड़ी टीवी पर खबर चल रही है, जिसमें आ रहा है कि ‘चंद्रशेखर ने बिगाड़ा गठबंधन का जायका’। भीम आर्मी के मन्नू उनका ध्यान खींचते हुए कहते हैं, ‘भाई देखिये टीवी पर क्या चल रहा है’। मगर चंद्रशेखर की रुचि टीवी पर चल रही एक शहर की दूसरी खबर पर है। यह खबर ब्रह्मपुरी इलाके में एक फैक्ट्री में आग लगने की है। चंद्रशेखर अपने साथी प्रवीण गौतम को कहते हैं कि ‘पता करो भाई यह मेरठ में बार-बार आग क्यों लग रही है’।
बुधवार को अचानक उनसे मिलने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात की आज यहां हर तरफ चर्चा है। चंद्रशेखर कहते हैं कि वह उनके अहसानमंद हैं और उनका स्वागत और सम्मान करते हैं।
चंद्रशेखर 15 मार्च को बहुजन हुंकार रैली का जंतर-मंतर पर समापन की तैयारियों में जुटे हैं। हालांकि उनके पदाधिकारी उन्हें लगातार आराम करने और खुद सब कुछ संभाल लेने की सलाह देते हैं। मगर चंद्रशेखर कहते हैं, “यह हुंकार रैली बहुत सारे लोगों को जगाने का काम करेगी और दिल्ली में नीला सैलाब आएगा।”
केंद्र और राज्य की सरकारों पर निशाना साधते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “बीजेपी की सरकार बहुजन और संविधान विरोधी है और हम ये सरकार बदलने जा रहे हैं। अगर मैं जंतर-मंतर पर नहीं पहुंच पाया तो मेरी लाश जाएगी और बीजीपी सरकार से लड़ेगी।”
चंद्रशेखर बताते हैं कि वो मोदी को हराना चाहते हैं क्योंकि वह देश से लेकर विदेश तक हर मोर्चे पर नाकामयाब हुए हैं। चंद्रशेखर ने कहा, “मोदी ने देश में सिर्फ वैमनस्यता फैलाने का काम किया है। भीम आर्मी एक मिशन है हम समाज को जागरूक करने के प्रयत्न कर रहे हैं। हम शक्ति के बल पर लोगों को कुचलना नहीं चाहते, बल्कि उनके सम्मान के अर्जन के लिए लड़ना चाहते हैं।”
चंद्रशेखर स्पष्ट शब्दों में कहते हैं, “मैं बिल्कुल महत्वाकांक्षी नहीं हूं, किसी भी तरह के प्रलोभन को मैं थूकता हूं। मैं सिर्फ समाज के लिए आवाज उठा रहा हूं। जो लोग दबे-कुचले दलितों और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करते रहे हैं, उनको उन्हीं की भाषा में जवाब देना चाहता हूं और संविधान के प्रति आस्था रखता हूं।”
इस बीच भीम आर्मी की लोकप्रियता को देखते हुए कई दूसरे दलों के लोग भी इसमें अपना भविष्य खोज रहे हैं। मेरठ के एक पूर्व सांसद ने भीम आर्मी की पूरे प्रदेश में सभा कराने की बात कही है।इसके लिए भीम आर्मी की ओबीसी और अल्पसंख्यक शाखा का गठन किया जा रहा है।
चंद्रशेखर के विश्वसनीय साथी कुंवर देवेंद्र सिंह बताते हैं कि भीम आर्मी बहुजनों की बात करती है और बहुजन हितार्थ के लिए संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ने काफी गहराई से बहुजनों की मनोदशा को समझ लिया है। अभी वह युवा हैं और उनके भविष्य की योजना स्पष्ट है।
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