शख्सियत

गीतांजलि श्री का उपन्यास 'रेत समाधि' इंटरनेशनल बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्टेड, अब इन पांच कृतियों से होगा मुकाबला

हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार गीतांजलि श्री का बहुचर्चित उपन्यास 'रेत समाधि' इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लांग लिस्ट से आगे बढ़कर अब शॉर्टलिस्ट में पहुंच गया है। अब फाइनल यानी अंतिम रूप से इसका मुकाबला विश्व की पांच चुनींदा कृतियों से होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार गीतांजलि श्री का बहुचर्चित उपन्यास 'रेत समाधि' इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लांग लिस्ट से आगे बढ़कर अब शॉर्टलिस्ट में पहुंच गया है। अब फाइनल यानी अंतिम रूप से इसका मुकाबला विश्व की पांच चुनींदा कृतियों से होगा। यह पहली बार हुआ है जब कोई हिंदी साहित्यकार या हिंदी की किसी कृति को बुकर शॉर्ट लिस्ट में चयनित होने का मौक़ा मिला है। शॉर्ट लिस्ट की घोषणा आज लंदन बुक फेयर में हुई।

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रेत समाधि का ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ नाम से अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है। जूरी सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया है जो 50,000 पाउंड के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा। अंतिम विजेता घोषित होने पर पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच वितरित की जाएगी।2022 के पुरस्कार के लिए अंतिम रूप से चयनित पुस्तक यानी विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा।

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उपन्यास की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं। अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है। यह पुस्कार अंग्रेजी में अनूदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है।

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से आने वाली गीतांजलि श्री के अब तक तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह आ चुके हैं। कई कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। ‘माई’, ‘हमारा शहर उस बरस’, ‘तिरोहित’, ‘खाली जगह’ और ‘रेत समाधि’ जैसे उपन्यासों के साथ ‘अनुगूंज’, ‘वैराग्य’, ‘प्रतिनिधि कहानियां’, ‘यहां हाथी रहते थे’ जैसे कहानी संग्रह उनके रहकना संसार में शामिल हैं।

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वरिष्ठ कथाकार गीतांजलि श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' के इंटरनेशनल बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में पहुंचने पर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया है कि हिंदी समेत भारतीय भाषाओं का उत्कृष्ट लेखन दुनिया का ध्यान अब तेजी से आकर्षित कर रहा है। जबकि गीतांजलि श्री ने कहा कि उनके उपन्यास को मिल रही ऐसी स्वीकृति विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भ को पार करने और सार्वभौमिक और मानवीय मूल्यों को स्पर्श करने की उसकी क्षमता का रेखांकन है।

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अशोक महेश्वरी ने कहा, हमें बेहद खुशी है कि राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हिंदी उपन्यास रेत समाधि को इंटरनेशनल बुकर प्राइज ने अपनी संक्षिप्त सूची में शामिल किया है। यह काम रेत समाधि के अंग्रेजी अनुवाद के जरिये हुआ है। लेकिन इससे जाहिर है कि रेत समाधि ने अंतरराष्ट्रीय जगत के पाठकों, लेखकों, प्रकाशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इंटरनेशनल बुकर प्राइज की लांग लिस्ट में शामिल होकर इस उपन्यास ने अपनी क्षमता पहले ही साबित कर दी थी। प्रतिष्ठित पुरस्कार की शॉर्टलिस्ट में पहुँचने से वह और पुष्ट हो गयी है। यह प्रसन्नता की बात है कि हिंदी समेत भारतीय भाषाओं के उत्कृष्ट लेखन की ओर दुनिया का ध्यान तेजी से जा रहा है।

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रेत समाधि के इंटरनेशनल बुकर प्राइज की शॉर्टलिस्ट में पहुंचने पर गीतांजलि श्री ने कहा, यह बेहद खास तरह की मान्यता है। कोई कृति सुदूर बैठे अनजान लोगों को तभी आकर्षित कर सकती है, जब उसमें अपने विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भ को पार करने और सार्वभौमिक और मानवीय को स्पर्श करने की क्षमता हो। यही सच्चा सत्यापन है। काम अच्छा होना चाहिए, अनुवाद बेहतरीन होना चाहिए! रेत समाधि की अंग्रेजी अनुवादक डेज़ी रॉकवेल और मेरे लिए यह बहुत अच्छा पल है। यह दिखाता है कि हमारा संवाद कितना समृद्ध रहा है। यही अच्छे अनुवाद का काम है।

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