आज देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का 129वां जन्मदिन है। आज जिस भारत को हम जानते हैं, उसे बनाने में स्वतंत्रता से पहले और उसके बाद नेहरू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। देश में पिछले कुछ सालों से उस योगदान को कम और छोटा कर दिखाने की कुत्सित कोशिशें जारी हैं। लेकिन इतिहास की सबसे बड़ी सीख यही रही है कि न तो उसे मिटाया जा सका है और न ही उसे मिटाया जा सकता है। धुंध के छंटते ही वह रोशनी की तरह बाहर आ जाता है। इस यकीन को जिंदा रखना ही नेहरू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। -नवजीवन
जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है। 1947 में देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से 1964 में अपने निधन तक नेहरू ने कई संस्थाओं की शुरुआत की। इन संस्थाओं को वे आधुनिक भारत का मंदिर कहते थे।
नेहरू ने 1950 में चुनाव आयोग का गठन किया। देश के विकास को संचालित करने के लिए 1950 में उन्होंने योजना आयोग की स्थापना की।
देश में विश्व स्तरीय शिक्षा मुहैया कराने के लिए 1950 में आईआईटी, 1961 में आईआईएम और 1956 में एम्स की शुरुआत की गई। उन्होंने 1961 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन बनाया।
रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 1954 में नेशनल डिफेंस एकेडमी और 1958 में डीआरडीओ की स्थापना की गई। परमाणु शक्ति के लिए एटॉमिक एनर्जी कमिशन ऑफ इंडिया का गठन किया गया।
अलग-अलग मोर्चे पर देश को प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए नेहरू ने 1955 में भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना की, 1963 भाखड़ा-नांगल बांध का निर्माण किया और 1956 में ओएनजीसी के काम की शुरुआत की गई।
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इसके अलावा महाशक्तियों की आपसी रंजिश से देश को बचाने के लिए उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन चलाया।
भाषाई पहचानों को सम्मान देने के लिए वे राज्य पुर्नगठन अधिनियम का लेकर आए। छोटे किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि-सुधार लेकर आए। उनके शासन में मजदूरों को फायदा पहुंचाने के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम आया।
ऐसे किया था नेहरू ने भारत निर्माण।
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