विचार

खरी-खरी: बीबीसी और हिंडनबर्ग के बीच क्या हैं एयरबस सौदे के निहितार्थ

बीबीसी का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अचानक अमेरिका से हिंडनबर्ग रिपोर्ट का धमाका हो गया। इसने मोदी प्रिय अडानी कॉरपोरेट ग्रुप की हवा ही निकाल दी। इसी बीच हुए एयरबस सौदे से परिदृश्य को बदलने का प्रयास होने लगा।

Getty Images
Getty Images Dhiraj Singh

पिछले लगभग दो सप्ताह से मोदी सरकार के प्रति पश्चिमी देशों से अप्रिय खबरें आती रहीं। पहले 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का समाचार गूंजा। और तो और, अचानक बीबीसी को यह खयाल पड़ गया कि इन दंगों में नरेंद्र मोदी की मर्जी शामिल थी। अब कोई यह पूछे कि भाई, इन दंगों को बीते कोई दो दशक बीत चुके हैं। अब बीबीसी को गुजरात दंगों में मोदी की मर्जी कैसे और क्यों याद आई। इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं था।

जाहिर है इस मामले पर देश में सोशल मीडिया पर शोर मच उठा। विपक्ष ने भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। अभी बीबीसी का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अचानक अमेरिका से हिंडनबर्ग रिपोर्ट का धमाका हो गया। सब जानते हैं कि इस रिपोर्ट ने मोदी प्रिय अडानी कॉरपोरेट ग्रुप की हवा ही निकाल दी। सारी दुनिया में शोर मच गया कि अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार में भीषण घोटाला कर स्वयं को दुनिया के दूसरे सबसे धनवान व्यक्ति की श्रेणी में पहुंचा दिया है। यह एक बड़ा घोटाला था। अडानी ग्रुप में पैसा लगाने वाले घबरा उठे। लोगों ने इस ग्रुप से अपना पैसा खींचना शुरू कर दिया। देखते-देखते अडानी ग्रुप की हवा निकल गई। विपक्ष ने अडानी-मोदी रिश्तों पर हंगामा खड़ा कर दिया।  

Published: undefined

Getty Images

संसद सत्र के दौरान सदन अडानी मामले पर जेपीसी की मांग से गूंज उठे। ऐसा लगा कि सरकार संकट में है। निःसंदेह मोदी सरकार के लिए 2014 के बाद से यह पहला सबसे बड़ा संकट था। इस बार सरकार पर देश और विदेश- दोनों ओर से हमला था। ऐसा प्रतीत हुआ कि नरेंद्र मोदी घिर गए। अभी यह चर्चा चल ही रही थी कि खबर आई कि टाटा समूह ने एयरबस एवं बोइंग के साथ 470 एयरबस हवाई जहाजों का सौदा कर लिया। सबसे अहम बात यह कि इस सौदे की घोषणा मोदी, मैंक्रो और बिडेन- तीनों ने मिलकर की।

यह एक चौंकाने वाली बात थी क्योंकि अडानी घोटाले के संकट में घिरी सरकार ने एकाएक एयरबस सौदे की घोषणा कर दी। वह भी इस सौदे में अमेरिका की एयरबस कंपनी बोइंग कोई आधे हवाई जहाज एयर इंडिया को सप्लाई कर रही है। इसकी घोषणा में अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन भी शामिल हुए। जाहिर था कि सौदे से अमेरिकी सरकार प्रसन्न थी। यह बात तनिक अटपटी लगी क्योंकि एक सप्ताह पूर्व अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी की हवा निकाली और देश-विदेश में मोदी सरकार के विरुद्ध हल्ला मच गया। लेकिन सप्ताह भर में मोदी-बिडेन ने हजारों करोड़ का एयरबस सौदा कर लिया। क्या कहीं यह कोई अमेरिका-भारत के बीच डील थी? 

Published: undefined

Getty Images

राजनीति में किसी भी डील के प्रमाण जुटा पाना लगभग असंभव होता है। लेकिन यह भी सभी जानते हैं कि राजनीतिक डील एक खेल होती है। यदि इस ‘कांसपिरेसी थ्योरी’ को सच मानें, तो अमेरिका के साथ एयर इंडिया का सौदा निःसंदेह एक डील है। स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिये अमेरिका ने मोदी सरकार की सबसे दुखती रग अडानी की सांस दबाई। मोदी सरकार छटपटा उठी। सरकार ने तुरंत सरकार के संकट मोचक अजीत डोभाल को रणनीतिक मामलों पर बातचीत करने के लिए अमेरिका भेजा। डोभाल की अमेरिकी यात्रा के एक सप्ताह के भीतर भारत ने अमेरिका के साथ एयरबस डील की घोषणा कर दी। अमेरिका को एयरबस का एक बड़ा सौदा मिल गया। इधर मोदी एवं अडानी को संकट से निकलने का रास्ता मिल गया। इसी को कहते हैं डील। 

बुरे फंसे बेचारे बीबीसी और ब्रिटिश व्यवस्था। ऐसा प्रतीत होता है कि एयरबस सौदे की भनक लगने के बाद ब्रिटिश व्यवस्था ने भी मोदी सरकार का हाथ मरोड़कर सौदे में भागीदारी के सिगनल दिए थे। लेकिन मोदी सरकार दबाव में आई नहीं। जवाब में इनकम टैक्स (आईटी) विभाग ने बीबीसी के भारतीय दफ्तरों पर छापे मार दिए। साथ ही भाजपा ने बीबीसी को साम्राज्यवादी मानसिकता से जोड़कर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को भारतीय राष्ट्रीयता पर प्रहार की संज्ञा दे दी।

Published: undefined

अब यह तू-तू, मैं-मैं चलती रहेगी। लेकिन एयरबस डील से कम-से-कम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार ने मंडराते संकट को टाल दिया है। आगे-आगे देखिए, होता है क्या।      

Published: undefined

Getty Images

विदेश मंत्री आखिर चुप क्यों 

इधर अमेरिका से हिंडनबर्ग रिपोर्ट का शोर मचा और उधर मानो लगा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को चुप्पी लग गई हो। हिंडनबर्ग मामला केवल एक वित्तीय मामला नहीं था। यह तो विदेश मंत्रालय से जुड़ा मामला था। विपक्ष संसद में मोदी सरकार पर हल्ला बोल रहा था। फिर भी सरकार के संरक्षण में जयशंकर कहीं नहीं दिखाई पड़ रहे थे। मानो इस पूरे प्रकरण में विदेश मंत्री एवं विदेश मंत्रालय का कोई लेना-देना ही नहीं है।  

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय मामलों में अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सक्रिय हो गए। संसद अडानी मामले पर जेपीसी की मांग से गूंज रहा था, उधर डोभाल वाशिंगटन में बैठे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ भारत एवं अमेरिकी रणनीतिक मामलों पर बातचीत कर रहे थे। और तो और, वाशिंगटन यात्रा के तुरंत बाद डोभाल रूस में राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत कर रहे थे। ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो विदेश मंत्री एस जयशंकर नहीं, अजीत डोभाल हैं। 

Published: undefined

आखिर, जयशंकर को इस सारे संकट में क्यों चुप लग गई और वह एकदम गायब से क्यों हो गए। बात यह है कि यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका से भारतीय विदेश मंत्रालय रूस और पुतिन सरकार के काफी नजदीक दिखाई देने लगा। तेल सहित दूसरी चीजों का भारत-रूस व्यापार देखते-देखते आसमान छूने लगा। इतना ही नहीं, भारत ने यूक्रेन युद्ध मामले पर रूस एवं पुतिन की निंदा तक नहीं की। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध को बुरा कहा लेकिन पुतिन का खंडन नहीं किया।

भारत एवं रूस के बढ़ते संबंध भला अमेरिका को कैसे पच सकते थे? बस, देखते-देखते हिंडनबर्ग रिपोर्ट आ गई। पीएमओ इस सिगनल को समझ गया। इसलिए पुतिन प्रेमी एस. जयशंकर अंतरराष्ट्रीय मामलों से गायब हो गए। उनकी जगह अब अजीत डोभाल ने ले ली। अब देखना यह है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने पद पर बने रहेंगे या फिर एयरबस डील के बाद अमेरिकी गुस्सा ठंडा होने पर जयशंकर फिर सक्रिय हो जाते हैं। 

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया