अनुमानित 140 करोड़ आबादी वाले एक लोकतांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष देश की जनता को आवश्यकता है एक ऐसे गरिमामय व्यक्ति की, जो प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम हो। जिसका प्रधान काम कपड़े बदलना न हो, जो नफरत के कीचड़ में गले- गले तक धंसा हुआ न हो। जिसकी आदत अगड़म-बगड़म- सगड़म, आयं -बायं-शायं कुछ भी बोलने की न हो। जो विपक्ष के सवालों का तर्कसंगत जवाब दे सकता हो। जो आंदोलनों-विरोध-प्रदर्शनों से घबराता न हो। जो इतना बड़ा 'वैज्ञानिक' भी न हो कि नाले के पानी की गैस से चाय बनाकर पिलाना जानता हो और जो इतना बुद्धिमान भी न हो कि बादल छाए होने पर हमारे लड़ाकू विमानों को दुश्मन का रडार पकड़ नहीं पाएगा, ऐसा ज्ञान दे सकता हो! जो बहस से, तर्क से, सवालों से, संसद से, प्रेस कॉन्फ्रेंस से भागता न हो। जो भक्त नहीं, लोगों को लोकतांत्रिक व्यवस्था का नागरिक बनने में उनकी मदद करता हो। जिसकी निष्ठा संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता में होने का पिछला विश्वसनीय रिकार्ड मौजूद हो।
Published: undefined
इस पद की अवधि सामान्यता पांच वर्ष होगी और अच्छे वेतन के साथ बंगला, कार, हवाई जहाज, जेड प्लस सुरक्षा आदि सुविधाएं मिलेंगी। इस पद की अन्य न्यूनतम अर्हताएं इस प्रकार हैं:
कोई भी ऐसा वयस्क व्यक्ति- जो देश में जन्मना नागरिक है और जिसका अक्षम्य सांप्रदायिक -आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, प्रथम दृष्टया योग्य माना जाएगा। जिसका शरीर ही नहीं, मस्तिष्क भी स्वस्थ हो। जो मुंह चलाना न जानता हो, जिसके कान, आंखें, दिल और दिमाग भी हो। जो देश के अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों, गरीबों का वास्तविक शुभचिंतक हो, उनमें भरोसा पैदा कर सकता हो। जिसकी पार्टी का इतिहास स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी का हो, न कि उसके विरोध और हिटलर-मुसोलिनी की राह पर चलने का हो। जिसके समर्थक बेशर्म न हों, गोडसे और गांधी, हत्यारे और संत को एक ही तराजू में तौलते न हों! जो 'एंटायर पोलिटिकल साइंस' अथवा इसी तरह की फर्ज़ी डिग्री से सुशोभित न हो ,चाहे वह गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय की ही क्यों न हो!
Published: undefined
उम्मीदवार की भाषा, धर्म, जाति, लिंग, खान-पान, क्षेत्र आदि का कोई बंधन नहीं है मगर जो छिछोरा न हो, जो इस पर पद की गरिमा रखना अपना और पद का दायित्व मानता हो। उचक्के-उच्चकियां इसके लिए एप्लाई न करें। इस पद की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अभी भी दसवीं पास है मगर अधिकतम योग्यता पर कोई रोक नहीं है। ऐसे चाय बेचनेवाले इस पद के योग्य स्वयं को न मानें,जो किसी ऐसे रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का दावा करते हों, जहां कोई ट्रेन रुकती नहीं थी।
Published: undefined
इस पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाते रहना, मंदिर-मंदिर जाना, यज्ञ-हवन, पूजा-पाठ करना अयोग्यता है, संसद में बैठना और प्रतिकूल से प्रतिकूल बातें सुनना,उनका संतुलित जवाब देना योग्यता है। जिसकी छाती भले नौ- दस इंची हो पर उसके अंदर मजबूत और सदय दिल हो। जो जबान नहीं, काम करना जानता हो। जो पूंजीपतियों की जेब में पड़ा सुस्ताता न रहता हो। जिसका भारतीय संविधान, लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास का विश्वसनीय रिकार्ड हो। जो लबार न हो, झूठ की मशीन न हो, कैमराजीवी न हो, जो मैं- मैं करने में पीएचडी प्राप्त न हो। जो न खाऊंगा, न खाने दूंगा का नारा लगाकर खाने-खिलाने में व्यस्त न रहता हो। जो अभिनेता और राजनेता में, निरंकुश राजा और आजाद देश के प्रधानमंत्री में अंतर जानता हो। जो डरपोक न हो। किसी राज्य में हत्याएं, लूट, सामूहिक बलात्कार हो रहे हों तो वह सबसे पहले वहां जाए, शांति स्थापित करे, वहां के लोगों का दिल जीते। जो ऐसा न हो,जिससे धरती की बात करो तो आसमान की और मणिपुर पर बात करो तो वह राजस्थान और छत्तीसगढ़ को मणिपुर बताने लगे! जिसे 2002 का सच सामने आना तो स्वीकार न हो मगर जो नेहरू जैसी बड़ी हस्ती के बारे में भी झूठ और नफरत फैलाकर अपने नंबर बढ़ाता हो।
यह पद इंसानों के लिए आरक्षित है, कृपया मगरमच्छ एप्लाई करके अपना समय बर्बाद न करें।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined