देश के 'षड़यंत्र मास्टर' भारत की सवा सौ करोड़ जनता के खिलाफ फिर से एक षड़यंत्र लेकर हाजिर हुए हैं। यह षड़यंत्र वैसे तो पुराना है जी, पर क्या है, इसकी पैकिंग ब्रांड न्यू है। बाजार से इन्होंने यह सीखा है जी कि माल जितना सड़ा हो, रद्दी हो, बदबूदार हो, उसकी पैकिंग उतनी ही शानदार होनी चाहिए और दाम जी, ऊंचा और ऊंचा होना चाहिए। माल को सड़ा से सड़ा बनाने के साथ शानदार पैकिंग पर लगातार शोध होते रहना जरूरी है।
तो जी, शानदार पैकिंग वाला यह षड़यंत्री माल है- 'लव जिहाद'। हुआ यह था जी कि एक मुस्लिम लड़के ने प्रेम में पागल होकर एक हिन्दू लड़की की हत्या कर दी। बस जी, फिर क्या था इनके लिए तो ये हो गया- 'लव जिहाद' का पक्का सबूत। मसाला मिल गया जी इनको। इंतजार ही रहता है इन्हें कुछ ऐसा अचानक हो जाए। बांछें खिल गईं जी इनकी। तुरत-फुरत भाजपाई सरकारें और एलर्ट हो गईंं। अरे साहब एक मुख्यमंत्री जी ने तो 'लव जिहाद' करनेवालोंं का राम नाम सत्य करने की धमकी तक दे डाली। ऐसी तो 'महान' है जी, इनकी संघ ब्रांड हिंदू संस्कृति!
Published: undefined
फौरन तीन भाजपाई सरकारों ने कह दिया, हम तो अब लव जिहाद के खिलाफ कानून लाकर ही रहेंगे। उत्तर प्रदेश का तो अध्यादेश एकदम रेडी है जी। बस जारी हुआ ही समझो। अब हरियाणा और मध्य प्रदेश की सरकारें पीछे रह कर हिन्दुत्व के नाम पर बट्टा थोड़े ही लगाएंगी! वे भी रेडी हैं बस। आदित्यनाथ जी के पीछे हैं समझो। कर्नाटक सरकार भी उत्तर प्रदेश की नकल करने को तैयार बैठी है। असम की सरकार भी अब देर नहीं करेगी। और क्या त्रिपुरा की सरकार पीछे रहनेवाली है जी! ऐसा हो नहीं सकता! एक केस हुआ नहीं कि इनका लव जिहाद का रेड अलर्ट चारों तरफ जारी हुआ! कितनी अलर्ट हैं जी ये बीजेपी की सरकारें! देवता इन पर फूल बरसा रहे होंगे!एकाध फूल आपके सिर पर भी टपक गया होगा जी!
अब मान लो जी लड़की मुसलमान होती या उस लड़की का हत्यारा हिन्दू लड़का होता तो इन्हें षड़यंत्र मिलता जी इसमें? कतई नहीं। दूर-दूर तक नहीं! पुलिस खा पीकर हत्यारे को इस तरह खोजती कि वह कभी मिलता नहीं! तब 'कानून अपना काम करता' और हमारे यहां कानून के काम करने के अपने अनोखे तरीके हैं जी। तरीक्का यह है जी कि लड़के और उसके परिवारजनों को लड़की और उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देने की खुली छूट मिल जाती है और लड़केवाले 'आपसी सहमति' से मामले को रफादफा करवाने का सुनहरा अवसर पा जाते हैंं जी।
Published: undefined
पीड़िता के माता-पिता और खुद लड़की न माने तो फिर लड़ते रहो जी मुकदमा! किसने रोका है जी!लगाते रहो अदालतों के चक्कर। घिसते रहो चप्पलें। लुटाते रहो लाखों रुपये वकीलों को। यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार है जी। इसका पूरा सदुपयोग होना चाहिए। सदुपयोग करने की पूरी स्वतंत्रता है जी अपने देश में। और अंत में फिर आप अन्याय की न्याय पर जीत का नजारा देखकर ही ऊपर जाना जी, पहले मत चले जाना! भगवान की कसम है जी आपको।
अब जी थोड़ी देर के लिए मान लो कि बदकिस्मत लड़की दलित होती और लड़का मुख्यमंत्री की जाति का होता तो फिर वही होता जी, जो अभी-अभी हाथरस में हुआ है। आपके लिए अलग से कुछ न होता। अध्यादेश तो छोड़ो जी, मीडिया को उसे कवर तक न करने दिया जाता! बहुत संवेदनशील हैं जी ये लोग, बहुत ही संवेदनशील! जाति और धर्म देखकर इनकी संवेदनशीलता का स्तर घटता-बढ़ता रहता है।
Published: undefined
पर मुश्किल ये है जी कि यह हत्यारा लड़का मुसलमान था। मुसलमान और लव? और वह भी जिहाद वाला लव? अब जी ये इसे हत्या के मामले की तरह ले लेते तो संघ ब्रांड हिन्दुत्व की सरकार की नाक कट जाती जी। उस हत्यारे को कानून से सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा देने और ,पुलिस तेजी से मामले की तफ्तीश करे, ऐसी मांग बीजेपी करे, यह मुमकिन नहीं है।
इस तरह तो इन जन्मजात षड़यंत्रकारियों का धंधा नहीं चल सकता है जी! इन्हें तो, नफरत की फसल बोने और काटने के लिए षड़यंत्र सूंघना और सुंघवाना पड़ता है! आप मानते हो न जी, ये बात!तो जी इन्हें 'लव जिहाद जैसे झूठ को सच बताकर सख्त कानून बनाने की बात करनी पड़ी है।मजबूरी है जी। मजबूरी तो आदमी से सबकुछ करवा लेती है! तो जी संघ का प्रिय- लव जिहाद का खेल रहे हैंं और कोई खास बात नहीं है जी! तो खेलने दे इन्हें न।संघ के बच्चे हैं जी। पूरा देश ही आजकल इनकी शाखा है। ये आराम-दक्ष है जी इनका या ध्वज प्रणाम समझ लो इसे आप! कोई खास सीरियस बात नहीं है जी।
Published: undefined
अब जी अशोक गहलोत जी कहते हैं कि ये कानून ले भी आए तो अदालत में टिकेगा नहीं। ओ जी गहलोत जी, महाराज जी, आप रहते हो जी सेक्युलर वर्ल्ड में और है ये कम्युनल वर्ल्ड! इसमें जी भाजपाई जो भी टिका दें, जहां भी टिका दें, टिक जाता है जी। देख ही रहे हो जी अपनी आंखों के सामने रोज। समझो इस बात को। वो तो जी आपका कमाल है कि आप राजस्थान में टिके हुए हो, वरना उखाड़ने की तो इन्होंने पूरी कोशिश की थी न जी आपको! भूल गए क्या!
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined